भोपाल। महिलाओं से संबंधित भेदभाव, रिसर्च और सामाजिक मुद्दों से जुड़े राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीष्य जरनल्स और किताबें अब शहर की महिलाओं और छात्राओं को पढ़ने के लिए मिलेगी। साथ ही वह इन मुद्दों पर शॉर्ट टर्म कोर्स और रिसर्च भी कर सकेंगी।
उन्हें यह सुविधा देने के लिए शहर की सरकारी यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक संस्थानों में बड़े स्तर पर लाइब्रेरी की शुरूआत की जाएगी। इसमें सिर्फ महिलाओं के मुद्दों से संबंधित किताबें उपलब्ध होंगी और उन्हें सिर्फ महिलाएं ही पढ़ सकेंगी। इसको लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वह नए सत्र से इन लाइब्रेरी की शुरूआत करें, जिससे महिलाओं और छात्राओं को यह सुविधा जल्द से जल्द मिल सके। यूनिवर्सिटी और सभी सरकारी कॉलेजों में यह लाइब्रेरी वुमन (Woman library) स्टडी सेंटर (Study center) के तहत खोली जाएंगी। इसके लिए संस्थानों ने UGC को प्रपोजल भेज दिया है।
महिला ही होगी केंद्र की निदेशक
इस सेंटर के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में एक अलग विभाग के रूप में काम करेगा। इसमें यूजी और पीजी स्तर के विभिन्न पाठ्यक्रम होंगे। विभाग का अध्यक्ष यूनिवर्सिटी का कुलपति या कॉलेज प्राचार्य होगा। विभाग की निदेशक महिला होगी, उन्हें पूर्णकालिक प्रभार दिया जाएगा। यूजीसी के नियमानुसार यूनिवर्सिटी इसकी सीधी भर्ती कर सकेगा। यूजीसी से मिलने वाली ग्रांट से इन्हें सैलरी मिलेगी, सेंटर में महिला आयोग से जुड़े और दो स्थानीय संस्थान से जुड़े सदस्य होंगे।