मध्य प्रदेश फुटबॉल संघ के सचिव अमित देव की शिकायत | MP SPORTS NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश में फुटबाल की भारी दुर्दशा को लेकर अखिल भारतीय फुटबाल संघ को  शिकायत का मामला सामने आया है जिसमे मध्य प्रदेश फुटबाल संघ के सचिव अमित देव के ऊपर गंभीर आरोप लगाये गए है। जिस पर अखिल भारतीय फुटबाल संघ ने अमित रंजन देव से जवाब भी माँगा है। 

दतिया जिला फुटबॉल संघ के सचिव शिशुपाल यादव ने शिकयत के सबंध में प्रेस नोट जारी कर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में फुटबाल खेल और खिलाडियों की भारी दुर्दशा हो रही है। खेल और स्पर्धाओ के लिए पेसो की उगाही की जा रही है। प्रदेश में पहले 200 के करीब टूर्नामेंट का आयोजन होता था जिसमें प्रदेश का खिलाडी खेलकर अपनी प्रतिभा को निखरता था लेकिन अब अयोजको ने टूर्नामेंट बंद कर दिए क्योकि अमित रंजन देव आयोजको से आस्सी हजार से 1 लाख  लेता था और रसीद 20 हजार की देता था जिससे व्यथित होकर आयोजक ने टूर्नामेंट बंद कर दिए और जूनियर सीनियर नेशनल प्रतियोगिताओ में चयनित खिलाडियों से 2000 से 3000 रूपये किट खरीदने के नाम पर वसूले जाते है। जिसके चलते आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन कुशल पारंगत खिलाडि चयन में भाग नही ले पाते जिसका परिणाम यह हुवा की प्रदेश की टीम कभी राष्ट्रिय प्रतियोगिता में क्वालिफ्फाई नही कर पाई और पेसो के लेने देने के चलते प्रदेश के बहार खिलाडी पेसे देकर मध्य प्रदेश की टीम में खेल लेते है और नेशनल का प्रमाण पत्र पाकर उनके प्रदेश में उन्हें सरकारी नोकरी मिल जाती है।

दतिया जिला फुटबॉल संघ के सचिव शिशुपाल यादव ने आरोप लगाया है कि अमित रंजन देव के कृत्यों चलते सभी जिलों के सचिव अगर विरोध प्रकट करते है तो उन्हें जिला सचिव पद से हटा दिया जाता है और अपने आदमी को सचिव बना दिया जाता है। अगर कोई खिलाडी अमित रंजन देव का विरोध करता है तो उसे जिला फुटबाल संघ भी सचिव की अनुशंसा पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाता है और प्रतिबन्ध हटाने के एवज में 40 से 45 हजार वसूले जाते और रसीद भी नही दी जाती है।  जिससे प्रदेश का फूटबाल स्तर गिरता जा रहा है। अमित देव के कृत्यों से परेशान  प्रदेश के फूटबाल खिलाडि अब अन्य खेलो हाकी वालीबाल एथेलेटिक्स  में अपना भविष्य तलाश  रहे है।

दतिया जिला फुटबॉल संघ के सचिव शिशुपाल यादव ने आरोप लगाया है कि पिछले दस वर्षो में प्रदेश के किसी भी खिलाडी को किसी भी प्रकार का एवार्ड विक्रम, एकलब्य, दोर्नाचर्या अवार्ड प्राप्त नही हुआ है क्योकि अमित रंजन देव किसी का भी नाम सरकार को अग्रेषित नही करते। जिस कारण प्रदेश के फुटबाल खिलाडी और कोच इन एवार्डो से वंचित रह जाते है।

मध्य प्रदेश शासन ने घोषणा की थी विक्रम अवार्ड प्राप्त खिलाडियों की तुरंत सरकारी नोकरी मिल  जाएगी लेकीन प्रदेश के फुटबाल खिलाडी विगत 10 वर्षो से इससे वंचित है। अमित देव द्वारा भारी वित्तीय अनियमितता की जा रहीं है। मध्य प्रदेश शासन को कभी भी आडिट रिपोर्ट प्रस्तुत  नही की गइ है। इसलिए म प्र शासन ने फुटबाल खेल को निष्काषित कर दिया है। जिस वजह से मध्य प्रदेश शासन की योजनाओ का लाभ फुटबाल खिलाडियों को नही मिल पा रहा है। 

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