जिस पैंक्रियाटिक कैंसर के मनोहर पर्रिकर शिकार हुए, और कोई ना हो, इसके लिए क्या करें | HEALTH NEWS

पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic cancer) के कारण ना केवल BJP ने अपना वरिष्ठ नेता और गोवा (GOA) ने अपना अच्छा मुख्यमंत्री (Chief Minister) खो दिया बल्कि देश ने एक अच्छा नागरिक भी खो दिया। वो जो सरल था, सहज था, स्वीकार्य था अब हमारे बीच नहीं रहा। सत्ता में बैठे नेताओं में ऐसे लोग कम ही मिलते हैं जो अपने फायदे के लिए नियम ना बदलते हों। मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) ऐसे ही नेता थे। आइए जानते हैं पैंक्रियाटिक कैंसर क्या होता है, पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे होता है और पैंक्रियाटिक कैंसर से केसे बचा जा सकता है। 

पैनक्रियाज क्या होता है, यह क्या काम करता है/What is pancreas, what does this work

पैंक्रियाटिक कैंसर को अग्न्याशय कैंसर भी कहा जाता है। पैंक्रियाज हमारे शरीर का अभिन्न अंग हैं। इनमें आई कोई भी खराबी जान जाने का कारण बन सकती है। पैनक्रियाज एक प्रकार की ग्रंथि है जो पेट में पायी जाती है, यह हार्मोन का स्राव करती है जो खाने को पचाने के लिए बहुत जरूरी है।

पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे होता है / How is pancreatic cancer

पैंक्रियाज में कैंसरयुक्त सेल्स के कारण इस कैंसर की शुरूआत होती है। जब पैंक्रियाज के सेल्स बहुत तेजी से बनने लगते हैं तो ये अनियंत्रित कोशिकाएं घातक ट्यूमर बनाती हैं। जो ब्लड वैसल्स के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है जिससे कई मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाते हैं और जान का भी जोखिम रहता है। पैंक्रियाटिक कैंसर को साइलेंट किलर या मूक कैंसर भी कहा जाता है। इस कैंसर के लक्षण एकदम सामने नहीं आते हैं। जब तक इस कैंसर के लक्षणों का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। आमतौर पर ये 60 से अधिक उम्र के लोगों को होती है। महिलाओं के मुकाबले ये बीमारी पुरुषों को अधिक होती है।

पैंक्रियाज में खराबी से क्या होता है / What happens to malfunction in pancreatiasis

पैंक्रियाज में खराबी आने पर सबसे पहला असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। इसके कारण डायबिटीज तक हो सकती है। पैंक्रियाज खाने को ऊर्जा में बदलने का काम करता है। यदि इनमें खराबी आ जाएं तो शरीर को ठीक से ऊर्जा नहीं मिलती। फूड को पचाने के साथ ही पैंक्रियाज फूड में मौजूद जरूरी तत्वों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट शरीर को आवश्यक तत्व देने में मदद करता है। पैंक्रियाज ऐसे हार्मोंस का रिसाव करता है जो खाने को आसानी से पचाने में मदद करते हैं। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।

पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण एवं लक्षण / Due to the symptoms and symptoms of pancreatic cancer

पैंक्रियाटिक कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान, मोटापा, डायबिटीज रेड मीट, वसायुक्त डायट और लंबे समय तक बैठे रहना। हालांकि ये अनुवांशिक भी हो सकता है। पेट और पीठ में दर्द बने रहना, वजन कम होना, पाचन संबंधी समस्या, बार-बार बुखार आना, पीलिया, हाई ब्लड शुगर, भूख न लगना, जी मिलचाना, उल्टियां आना, कमजोरी महसूस होना, स्किन, आंख और यूरिन का रंग पीला हो जाना।

पैंक्रियाटिक कैंसर से कैसे बचें / How to Avoid Pancreatic Cancer

यदि आप रेगुलर चेकअप करवाते हैं तो कैंसर के लक्षणों का पता लगता सकते हैं।
अच्छी डायट जैसे ताजे फल और सब्जियां खाने से ऐस गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
वसायुक्त‍ खाना और रेड मीट जैसी चीजें ना खाएं।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
डायबिटीज है तो उसका सही तरीके से इलाज करवाएं।

पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज / Treatment of pancreatic cancer-

कैंसर के दौरान होने वाला एलोपैथिक ट्रीटमेंट जैसे सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का इस्तेमाल पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। इस दौरान मरीज को कुछ चीजें अपनी डायट में शामिल करने जैसे ग्रीन टी, एलोवेरा, फल, ताजी सब्जियां, ब्रोकली और अंकुरित शामिल करने से फायदा होता है। आयुर्वेद में भी अग्न्याशय को स्वस्थ रखने के लिए कई उपचार एवं दवाएं हैं। यदि आप अपने अग्न्याशय को स्वस्थ बनाए रखेंगे तो आप हमेशा के लिए कैंसर से बचे रहेंगे। आयुर्वेदिक सुझावों को दिनचर्या में शामिल करना होता है। 

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