SHRIMAN SHUKLA IAS का फैसला हाईकोर्ट में खारिज, कार्रवाई गलत थी | MP NEWS

इंदौर। हाईकोर्ट ने तत्कालीन धार कलेक्टर श्रीमन शुक्ला आईएएस के उस फैसले ( Decision High Court ) को खारिज कर दिया जिसके तहत उन्होंने तहसीलदार प्रेमनारायण परमार ( Tehsildar Premnarayan Parmar )  पर जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने कलेक्टर श्रीमन शुक्ला की कार्रवाई को गलत करार दिया है। बता दें कि श्रीमन शुक्ला भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं। इन पर राजनीति से प्रेरित होकर काम करने के आरोप भी लगे थे। 

अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के मुताबिक तहसीलदार प्रेमनारायण परमार पर कलेक्टर ने 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। उन पर आरोप था कि लोकसेवा गारंटी के तहत 32 लोगों के खसरे, खाते समय पर जारी नहीं किए गए। एक दिन लेट जारी करने पर कार्रवाई की गई थी। तहसीलदार ने इस पर हाई कोर्ट की शरण ली। याचिका में उल्लेख किया कि 32 लोगों ने 2 जुलाई 2017 को खसरे, खाते के लिए आवेदन किया था। तहसील कार्यालय में ये दस्तावेज 3 जुलाई को पहुंचे। 7 जुलाई तक दस्तावेज बनाकर जारी कर दिए। इसके बाद 8 और 9 जुलाई को अवकाश होने के चलते आवेदकों को नहीं मिल पाए। 

तहसीलदार का काम केवल दस्तावेज तैयार करना है। तैयार करने के बाद लोकसेवा गारंटी केंद्र से दस्तावेजों का वितरण होता है। अवकाश की वजह से आवेदकों को ये नहीं मिल पाए, लेकिन इसमें तहसीलदार की कोई गलती नहीं है। प्रशासन ने तर्क रखे कि लोकसेवा गारंटी में हर अफसर की जिम्मेदारी तय है। तहसीलदार ने लेट काम किया, इसीलिए जुर्माना लगाया गया। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तहसीलदार के पक्ष में फैसला दिया। कोर्ट ने कहा- तहसीलदार ने समय पर काम पूरा करके दिया है। 
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