हाई सिक्युरिटी और तीसरी नंबर प्लेट के लिए नोटिफिकेशन जारी, प्रक्रिया शुरू | NATIONAL NEWS

इंदौर। देश में 1 अप्रैल 2019 से सभी नए वाहनों पर हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट लगाई जाएगी। ये प्लेट वाहन डीलर ही लगाकर देंगे। वहीं पहली बार दो पहिया से बड़े सभी वाहनों पर तीसरी नंबर प्लेट भी लगाई जाएगी। यह स्टीकर के रूप में वाहनों के विंड स्क्रीन पर लेफ्ट साइड में लगाई जाएगी, जिस पर वाहन की जानकारी दर्ज होगी।  

पत्रकार श्री विकाससिंह राठौर की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद शासन ने इसके लिए प्रक्रिया और फॉर्मेट जारी किया है। इसके तहत वाहन निर्माता को वाहन के साथ ही नंबर प्लेट भी देना होगी, जिस पर होलोग्राम और विशेष अंक भी दर्ज होंगे, इसी पर वाहन डीलर द्वारा आरटीओ से मिलने वाले रजिस्ट्रेशन नंबर को एम्ब्रोस और प्रिंट करना होगा। इसके लिए वाहन मालिक से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा, बल्कि यह गाड़ी की कीमत के साथ ही शामिल होगा। वाहन डीलर को प्लेट की एम्ब्रोसिंग और प्रिंटिंग के लिए अपने शोरूम पर ही सेटअप स्थापित करना होगा। हालांकि पुराने वाहनों के बारे में अभी कुछ खुलासा नहीं किया गया है।

वाहन का प्रकार भी बताएगी तीसरी नंबर प्लेट
नंबर प्लेट वाहन के ईंधन प्रकार के हिसाब से अलग-अलग रंग की होगी। इसके तहत डीजल वाहन के लिए इसका रंग नारंगी, पेट्रोल और सीएनजी वाहन के लिए हल्का नीला और अन्य वाहनों के लिए स्लेटी रंग का स्टीकर होगा। इससे जांच के दौरान आसानी से वाहन के ईंधन प्रकार का भी पता चल सकेगा।  

2014 से बंद हो चुकी है हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट
मप्र में फरवरी 2012 से उत्सव लिंक कंपनी द्वारा वाहनों में हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम शुरू किया गया था। बाद में कई शिकायतों के चलते शासन ने कंपनी का ठेका निरस्त कर दिया, इसके चलते प्रदेश में 18 अक्टूबर 2014 के बाद से वाहनों पर एचएसआरपी लगना बंद हो चुका है। इसके बाद प्रदेश स्तर पर विभाग ने कई बार नई कंपनी नियुक्त करने की कोशिश की लेकिन यह अब तक नहीं हो पाया, अब केंद्र शासन के आदेश के बाद इसकी जरूरत नहीं होगी और पूरे देश में एक साथ एक समान रूप से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

चोरी के वाहनों की पहचान करना आसान होगा
आरटीओ जितेंद्र रघुवंशी ने बताया कि तीसरी नंबर प्लेट के कई फायदे होंगे। इसमें नंबर के साथ ही राज्य का नाम, प्रथम रजिस्ट्रेशन का वर्ष और होलोग्राम भी लगा होगा। यह 100 बाय 60 एमएम साइज का सेल्फ डिस्ट्रक्टिव होलोग्राम स्टीकर होगा, जिसे निकाला नहीं जा सकेगा। इस स्टीकर के कारण चोरी के वाहन भी पकड़े जा सकेंगे। हालांकि पुराने वाहनों को लेकर अभी कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।

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