मप्र शिक्षक भर्ती परीक्षा ऑफलाइन की जाए | Khula Khat by Monika Sharma

भोपाल। मप्र शिक्षक भर्ती परीक्षा में जिस कदर शहरों के अलावा लाखों ग्रामीण आवेदक बैठने वाले हैं उससे एक दफा फिर से मांग तेजी से उठ रही है कि इस परीक्षा को ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन तरीके से आयोजित किया जाए। परीक्षार्थी ऑनलाइन परीक्षाओं की विश्वसनीय पर शंका उठा रहे हैं तो ग्रामीण छात्र छात्राएं व महिलाओं  के बीच ऑनलाइन परीक्षा के प्रति कई कारणों से असंतोष व नाराजगी है।

मप्र में व्यापम मतलब प्रोफेशनल्स एग्जामिनेशन ने साल 2011 में संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा ऑफलाइन तरीके से सफलतापूर्वक आयोजित की थी। तब इस परीक्षा में सिर्फ छात्र छात्राओं को अपने निकटवर्ती परीक्षा केन्द्रों पर व्यापम ने सेंटर दिए थे मगर जबसे ऑनलाइन परीक्षा आयोजित हो रही हैं। प्रति परीक्षा हर आवेदक को 3 हजार से 5 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं। इसका कारण है कि प्रोफेनल्स एग्जामिनेशन बोर्ड के पास सिर्फ ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे महानगरों में ही बड़े पैमाने पर निजी कॉलेजों की कम्पयूटर लैब ऑनलाइन परीक्षा के लिए उपलब्ध हैं। मप्र के 35 से 40 जिलों में ऑनलाइन परीक्षा के लिए बोर्ड पर कम्पयूटर लैब की उपलब्धता नहीं है। इस कारण से बोर्ड परीक्षा के नाम पर इन जिलों के छात्रों को चारों महानगरों में परीक्षा देने के लिए परीक्षा केन्द्र मिल पाता है। ये परीक्षा केन्द्र मुख्य शहर से 15 से 25 किलोमीटर दूर निजी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में रखे जाते हैं इस कारण से आवेदक को खासी परेशानी होती है। 

सबसे पहले आवेदक को 5 या 7 दिन पहले डाले गए रोल नंबर के कारण अपने परीक्षा शहर तक पहुंचने में जूझना पड़ता है। सबको मजबूरन तत्काल में रेल रिजर्वेशन लेना जरुरी है मगर सिर्फ कुछ को मिल पाता है। हजारें लाखों छात्र परीक्षा देने दूसरे शहर पहुंचने की कसमकश में जनरल डिब्बे में मजबूर होते हैं। इसके अलावा परीक्षा से पहले ढ़ाई घंटे पूर्व रिपोर्टिंग समय के कारण आवेदकों को एक दिन पहले पराए शहर में पहुंचना मजबूरी है। इस कारण से वहां रात ठहरने से लेकर खाने पीने के खर्च का बोझ बढ़ जाता है। 

सबसे खराब स्थिति ये है कि छात्र अगर सबसे पहले भी आवेदन करे तो भी जरुरी नहीं कि उसे प्राथमिकता अनुसार अपने शहर में ही परीक्षा केन्द्र मिल जाए। रेंडमली रोल नंबर जारी होने से मुरैना के छात्र भोपाल में और ग्वालियर भिण्ड दतिया  के छात्र इंदौर और सागर में परीक्षा केन्द्र पर ऑनलाइन परीक्षा देने मजबूर हैं।

शिक्षक भर्ती परीक्षा में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण के अनुसार लाखों ग्रामीण महिलाओं ने भी शिक्षक बनने आवेदन किया है मगर ऑनलाइन परीक्षा में कमप्यूटर ज्ञान की कमी के कारण ग्रामीण महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

ऑनलाइन परीक्षा को लेकर ऐसे तमाम कारण हैं। इस लिहाज से मप्र में शिक्षक भर्ती परीक्षा ऑफलाइन कराया जाना पूर्ण रुप से तर्कसंगत कदम होगा। इस संबंध में मप्र के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ से प्रदेश के युवाओं को वांछित निर्णय की पूरी उम्मीद है। 
मोनिका शर्मा
शिक्षक भर्ती परीक्षा आवेदक

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