हमीदिया HOSPITAL: नई कैथ लैब से ANGIOGRAPHY और ANGIOPLASTY के लिए तारीख तय | BHOPAL NEWS

भोपाल। संभाग के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में हृदय रोगियों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी होने लगेगी। शनिवार को अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी में नई कैथ लैब के इंस्टालेशन का काम पूरा हो गया। अगले सप्ताह से मशीन का ट्रायल रन किया जाएगा, जो हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर और बायोमेडिकल इंजीनियर्स की निगरानी में होगा। ताकि कैथ लैब से मरीजों का इलाज शुरू होने के बाद डॉक्टरों को एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी करते समय किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कत न हो। 

जांच से लेकर Stent तक सब यहीं होगा

अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोलॉजी के डॉक्टर्स ने बताया कि 15 दिसंबर से संस्थान में इलाज कराने आने वाले हृदय रोगियों को निजी अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा। हार्ट के ब्लॉकेज की जांच से लेकर स्टेंट लगाने तक के प्रोसीजर अस्पताल में हो सकेंगे। इसके अलावा हृदय रोगियों के इमरजेंसी ऑपरेशन भी कैथलैब शुरू होने के बाद डॉक्टर्स कर सकेंगे। लैब की शुरुआत होने से उन मरीजों को राहत मिलेगी, जिन्हें कैथलैब खराब होने के कारण मजबूरन निजी अस्पतालों में महंगा इलाज कराना पड़ता है। गौरतलब है कि अस्पताल की पुरानी कैथ लैब दो साल से बंद पड़ी है। 

10 साल में पुरानी मशीन के मेंटेनेंस पर 3 करोड़ खर्च

हमीदिया में वर्ष 2003 में हृदय रोगियों के इलाज के लिए कैथ लैब लगी थी। कैथ लैब सप्लायर कंपनी ने तीन साल तक वारंटी पीरियड में मशीन का रखरखाव किया। लेकिन, वर्ष 2007 से 2016 तक मशीन के रखरखाव के नाम पर कंपनी ने गांधी मेडिकल कॉलेज प्रशासन से 32 लाख रुपए सालाना के हिसाब से जीएमसी प्रशासन से 3 करोड़ 20 लाख रुपए मेंटेनेंस चार्ज वसूला। लेकिन, इस दौरान मशीन बार-बार खराब हुई। दिसंबर 2016 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान हृदय रोगियों के हार्ट की जांच और इलाज बंद होने की शिकायत की। इसके बाद आनन-फानन में नई कैथ लैब के लिए 6 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया। मुख्यमंत्री की घोषणा के 16 महीने बाद हमीदिया अस्पताल में अब नई कैथ लैब इंस्टालेशन की प्रक्रिया पूरी हो सकी है। 

रोज पहुंचते हैं 100 से ज्यादा Patient

हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजी ओपीडी में रोजाना 100 से ज्यादा हृदय रोगी इलाज कराने पहुंचते हैं। इनमें से करीब 10 मरीजों को हार्ट डिसीज की जांच के लिए एंजियोग्राफी कराने की सलाह दी जाती थी, जो जांच के दौरान हार्ट में ब्लॉकेज निकलने पर निजी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी कराते थे। इन मरीजों को महंगे इलाज से निजात मिलेगी। 

प्रस्ताव चार बार हुआ खारिज : 

गांधी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने वर्ष 2010 से 2016 के बीच चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसरों को 4 बार खराब हो चुकी कैथ लैब के बदले नई कैथ लैब लगाने का प्रस्ताव भेजा। लेकिन, अफसरों ने प्रस्ताव को हर बार अनदेखा किया। इसके चलते वर्ष 2011 में लगने वाली नई कैथ लैब 7 साल की देरी से नवंबर 2018 में इंस्टाल हो सकी है। 

दिल का इलाज /Heart treatment 34 हजार तक सस्ता 

जीएमसी के डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने बताया कि नई कैथ लैब में एंजियोप्लास्टी 70 हजार में व एंजियोग्राफी 8 हजार रुपए में होगी। प्राइवेट हॉस्पिटल्स में सिंगल स्टेंट एंजियोप्लास्टी 1 लाख में और एंजियोग्राफी 12 हजार में होती है। इस तरह से हृदय रोगियों के दिल का इलाज निजी अस्पतालों की तुलना में करीब 34 हजार रुपए सस्ता होगा। 

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