शिवराज सिंह चौहान नई सीट की तलाश में गोविंदपुरा पहुंचे, जनसंपर्क किया | Bhopal mp news

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह की हजारों की चिंताओं के बीच एक बड़ी टेंशन यह भी है कि बुधनी से नहीं तो अब वो कहां से चुनाव लड़ेंगे। विकल्प के तौर पर उन्हे विदिशा सीट का प्रस्ताव दिया था परंतु विदिशा राह में भी कांटे कम नहीं हैं। वो ऐसी सीट चाहते हैं जो सबसे आसान हो। इसके लिए उन्हे भोपाल की हुजूर विधानसभा का नाम प्रस्तावित किया गया लेकिन शायद बात नहीं बनी। अब शिवराज सिंह के सामने गोविंदपुरा सीट विकल्प बनकर आई है। आज उन्होंने यहां जनसंपर्क कर मतदाताओं का मूड जानने की कोशिश की। 

बाबूलाल गौर का गढ़ है गोविंदापुरा

बता दें कि गोविंदापुरा विधानसभा सीट बाबूलाल गौर का गढ़ है। वो यहां से 10 बार चुनाव जीत चुके हैं। किसी भी आंधी या लहर का यहां कोई असर नहीं हुआ। यहां मतदाता मंत्री या पूर्व मंत्री को नहीं जानते वो सिर्फ बाबूलाल गौर को जानते हैं। दरअसल, बाबूलाल गौर की राजनीति के तरीके से लोगों को मोहित कर रखा है। गोविंदपुरा सीट का कोई भी मतदाता बाबूलाल गौर के बंगले में बेधड़क घुस जाता है। वो कांग्रेसी भी हो तब भी बाबूलाल गौर के यहां से उसे मदद मिलती है। पार्टी में इस सीट को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। 

गौर ने कृष्णा बहू का नाम बढ़ाया, आलोक शर्मा नजरें गढ़ाए बैठे हैं

गोविंदापुरा विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ मानकर महापौर आलोक शर्मा इस पर नजरें गढ़ाए बैठे हैं। वो महापौरी छोड़कर चुनाव लड़ने को तैयार हैं लेकिन बाबूलाल गौर ने पहले खुद दावेदारी पेश की और फिर कृष्णा बहू का नाम आगे बढ़ा दिया। गौर विरोधी कुछ भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन भी किया परंतु यह प्रदर्शन उतना सशक्त नहीं था जितना कि गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह या दूसरे विधायकों के खिलाफ पिछले दिनों हुआ है। 
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