एक आयुर्वेद चाय: जो चौथे स्टेज का कैंसर भी मिटाए

कैंसर एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो अब पूरी दुनिया को अपना शिकार बना रही है। भारत जैसे देश में भी कैंसर रोगियों की संख्या कम नहीं है। कहा जाता है कि इसका इलाज असंभव है, लेकिन इसके इलाज के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे ये बीमारी लोगों को इतना नहीं मारती, जितना इसका इलाज लोगों की जान ले लेता है। एक बार कीमो शुरू हुआ नहीं कि फिर व्यक्ति के जीने की आस ही खत्म हो जाता है। इसका इलाज कराना हर किसी के बस की बात नहीं है, क्योंकि ये काफी महंगा होता है। खासतौर पर महंगी दवाओं से भी तीसरे और चौथे स्टेज के कैंसर से बचना काफी मुश्किल है। ऐसे में अगर आप आयुर्वेदिक तरीके से इसका इलाज करें, तो ये काफी फायदेमंद होगा। 

आयर्वेद की बात करें तो पपीते को कैंसर के इलाज के लिए बेहतर माना गया है। पपीता एक ऐसी ही चीज है, जो तीसरे और चौथे स्टेज के कैंसर को आसानी से दूर कर सकता है और आपको जिन्दगी जीने का एक और मौका दे सकता है। अभी तक आप सभी ने पपतीते के पत्तों को बहुत सामान्य तरीके से इस्तेमाल किया होगा, लेकिन आप शायद जानकर चौंक जाएं कि पपीता चार से पांच हफ्तों में कैंसर जैसे रोग को जड़ से खत्म कर सकता है। 

आयुर्वेद में पपीता कैंसर के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। पपीता के सभी भाग जैसे फल, तना, बीज, पत्तियां, जड़ सभी के अंदर कैंसर सेल्स को खत्म करने की क्षमता पाई जाती है। खासतौर पर इसकी पत्तियों के अंदर इस रोग को बढऩे को रोकने का गुण सबसे ज्यादा पाया जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा की एक रिसर्च में पाया गया है कि पपीते की पत्तियों में लगभग 10 तरह के कैंसर को दूर करने की क्षमता होती है। अगर ये पत्तियां रोग को खत्म न करें तो कम से कम इसकी प्रोसेस को जरूर रोक देती हैं। 

कैंसर में कैसे फायदेमंद है पपीता
दरअसल, पपीते की पत्तियों में पापेन नाम का प्रोटीन को तोडऩे वाला एनजाइम पाया जाता है। जिससे शरीर में कैंसर सेल्स खत्म होने लगते हैं। पापेन ब्लड में जाकर मैक्रोफेजेस को उत्तेजित करता है, जो इम्यून सिस्टम को उत्तेजित करके कैंसर सेल्स को नष्ट करना शुरू कर देता है, जिसके बाद ये बीमारी खत्म होने लगती है साथ ही इसकी प्रोसेस भी वहीं रूक जाती है। 

पपीते की चाय
कई बार आपने सुना होगा कि कैंसर में पपीते की चाय काफी राहत देती है। ये कैंसर जैसी बीमारी के लिए बेहतर आयुर्वेदिक इलाज है, जिसमें न ज्यादा खर्च है और न ज्यादा परेशानी। इसे बनाना भी काफी आसान है। बस 5 से 7 पपीते के पत्तों को पहले सुखा लें और इन्हें पानी में उबाल लें। अब 125 मिली पानी को दिन में दो बार पीएं। आप चाहें तो दिन में इसे तीन से चार बार भी पी सकते हैं। बाकी बचे हुए लिक्विड को फ्रीज में स्टोर करके रख सकते हैं। ध्यान रखें कि दोबारा जरूरत पडऩे पर इसे गर्म न करें। ये चाय पीने के बाद आपको एक से दो घंटे तक कुछ भी खाने से परहेज करना है।
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