15 रूपये अतिरिक्त देने पर यात्रियों को स्टेशन पर मिलेगा ताजा और मनपसंद भाेजन

भोपाल। अब ट्रेनों के यात्रियों को भोजन और खानपान सामग्री की डिलेवरी बाहरी वेंडर नहीं कर पाएंगे। नई व्यवस्था के अनुसार रेल यात्री अगर रेस्टारेंट, होटल या ई-केटरिंग कर भोजन मंगाते हैं तो उसकी डिलेवरी कराने का जिम्मा एक ही कंपनी के पास होगा। IRCTC से अधिकृत निजी कंपनी का स्टेशन परिसर में काउंटर होगा। कंपनी के 8 कर्मचारी होंगे। कर्मचारी का ड्रेस कोड होगा। वर्दी पर नेम प्लेट लगी होगी। इससे कर्मचारी की पहचान रहेगी। ट्रेन यात्री इंडियन रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) से अधिकृत रेस्टोरेंट व होटलों को आर्डर देंगे। उसकी लिस्ट कंपनी के पास आ जाएगी। कर्मचारी आर्डर लेकर स्टेशन स्थित उक्त काउंटर पर जमा करेगा। फिर कंपनी के कर्मचारी ट्रेन में संबंधित यात्री को खाने की डिलीवरी देगी और बदले में कीमत से साथ 15 रुपए अतिरिक्त शुल्क लेगी।   

इसके कर्मचारी भोजन और खानपान सामग्री को यात्रियों तक पहुंचाएंगे। यात्रियों को भोजन की कीमत के साथ ही 15 रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे। अतिरिक्त राशि रेस्टोरेंट, होटल व ई-केटरिंग से मंगाए जाने वाले भोजन की डिलेवरी के बदले देंगे। अब ई-केटरिंग, होटल व रेस्टोरेंट के कर्मचारी यात्रियों तक भोजन पहुंचाने का कार्य नहीं कर पाएंगे। वहीं ट्रेनों में अवैध वेंडरों द्वारा भोजन के सप्लाई कराने वालों रोक लगेगी। इटारसी में अगले सप्ताह से यह व्यवस्था शुरू हो रही है।

इन रेलवे स्टेशनों पर होगी सुविधा

रेलवे ने बाहरी अवैध लोगों द्वारा ट्रेनों में किए जा रहे भोजन सप्लाई के कारोबार को बंद करने और अवैध वेंडरों की रोकथाम के लिए ये कदम उठाया है। इस काम का जिम्मा निजी कंपनी को सौंपा है। पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में रेलवे ने देश के 5 रेलवे स्टेशनों को चुना है। इसमें नागपुर, नई दिल्ली, भोपाल, झांसी और इटारसी है। अक्टूबर में इटारसी रेलवे स्टेशन पर भी डिलीवरी शुरू हो जाएगी। रेलवे ने पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में पांच रेलवे स्टेशन पर नई-व्यवस्था शुरू करने के लिए चुना है। भोपाल, नई-दिल्ली, नागपुर में शुरू हुए करीब दो महीने बीत चुका है। इटारसी में भी अगले सप्ताह तक यह व्यवस्था शुरू होगी।


ये होगा फायदा 

यात्रियों को ताजा भोजन मिलेगा। अभी रेलवे के पास शिकायत पहुंचती हैं कि उन्हें कई बार ट्रेन के लेट होने की स्थिति में ताजा भोजन नहीं मिल पाता। जिम्मेदारी डिलीवरी देने वाली कंपनी के कर्मचारियों की रहेगी। भोजन डिलीवरी करने वाली कंपनी संबंधित रेस्टोरेंट व होटल संचालक को ट्रेन के संबंधित स्टेशन पर पहुंचने का वास्तविक समय बताकर भोजन तैयार कराएंगी। स्टेशन व ट्रेनों में यात्रियों से होने वाली ओवर चार्जिंग रुकेगी। 
कंपनी के कर्मचारी होने से यात्रियों से दुर्व्यवहार नहीं करेंगे। अभी अवैध वेंडर ओवर चार्ज के साथ बदसलूकी भी करते हैं। वर्तमान में एक डिलीवरी पर 40 से 50 रुपए तक खर्च होते हैं, जो बचेंगे। डिलीवरी देने के लिए अलग से कर्मचारी रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खानपान आर्डर को एक निश्चित स्थान तक पहुंचाना पड़ेगा। ट्रेनों में अवैध वेंडरों द्वारा किए जा रहे कारोबार पर रोक लगेगी। ओवर चार्जिंग की घटनाएं रुकेगी, रेलवे की छवि खराब नहीं होगी। ट्रेनों अवैध वेंडरों द्वारा मारपीट, यात्रियों से बदतमीजी जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी।

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