नई दिल्ली। आरक्षण विवाद के चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रियाओं को बैन कर दिया है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में एक आदेश दिया था। इस आदेश के तहत यूजीसी की भर्ती व्यवस्था में बदलाव करना करना था। यूजीसी ने आरक्षण रोस्टर को लेकर अंतिम निर्णय आने तक देश भर के सभी विश्वविद्यालयों से भर्ती प्रक्रिया को बंद रखने का फैसला लिया है।
यूजीसी ने यह निर्देश कुछ विश्वविद्यालयों और कालेजों में बदले हुए रोस्टर के आधार पर भर्ती करने की शिकायतों के बाद दिया है। विवि में शिक्षकों की भर्ती को लेकर रोस्टर का यह मामला मौजूदा समय में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। विवि और कालेजों में शिक्षकों की भर्ती के रोस्टर को लेकर यह विवाद उस समय खड़ा हो गया था, जब पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में यूजीसी को आरक्षण का रोस्टर विवि को यूनिट मानकर न करने के बजाय विभाग को यूनिट मानकर करने का आदेश दिया था। यूजीसी ने इसके बाद सभी विवि को इसे लेकर आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद तो बढते विरोध को देखते हुए इस मामले में सरकार को दखल देनी पड़ी।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने इस संबंध में पीएमओ और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की। साथ ही कहा कि इस फैसले से विवि और कालेजों में एससी-एसटी वर्ग का सही प्रतिनिधित्व नहीं पाएगा।
गौरतलब है कि विवि और कालेजों में बदले हुए आरक्षण रोस्टर के तहत भर्ती का यह मुद्दा मंगलवार को एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में भी रखा गया। माना जा रहा है कि इसके बाद ही यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को यह निर्देश जारी किए है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाह ने यूजीसी के निर्देश की पुष्टि की और इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया है।
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