अपर जज की CAR से घायल क्लर्क की मौत, थाने के सामने अर्थी रखकर विरोध प्रदर्शन

भोपाल। अपर जिला जज के नाम दर्ज कार से एक्सीडेंट में घायल हुए ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के क्लर्क अशोक महोर 56 साल की मौत हो गई। अंतिम संस्कार के लिए अर्थी सजाई गई थी। परिजन उसे लेकर सामने के सामने जा पहुंचे और अर्थी रखकर विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि कार जज का बेटा चला रहा था। उसने पहले क्लर्क को टक्कर मारी और फिर कुचलते हुए भागने की कोशिश की। पब्लिक ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था परंतु पुलिस ने उसे नामजद नहीं किया और बिना पूछताछ के जाने दिया। 

एमपी रूरल इंजीनियरिंग सर्विस (RES) में क्लर्क के पद पर तैनात प्रेमपुरा निवासी अशोक महोर 25 जून को उस वक्त हादसे का शिकार हो गए थे, जब वह एक्टिवा से घर लौट रहे थे। 23वीं बटालियन के पास तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी थी। अशोक के पीछे चल रहे परिचित विनोद कुमार अहिरवार ने उनको अस्पताल पहुंचाया और पुलिस को गाड़ी का नंबर नोट कराया।

अपर जज का बेटा चला था कार
एसआई कमला नगर संतोष सरयाम के अनुसार मौके से जब्त कार श्यामला हिल्स निवासी जिला अपर जज रवि कुमार के नाम पर पंजीबद्ध है। वारदात के दौरान उनका 20 वर्षीय बेटा हर्षित कुमार गाड़ी चला रहा था। उसे आरोपी बनाया गया है। घटना वाले दिन हर्षित दोस्तों के साथ भदभदा की ओर जा रहा था। हादसे वाले दिन अशोक की एक्टिवा को हिट करने के बाद वो अशोक को कार से कुचलते हुए भागे लेकिन चौराहे की रोटरी से कार समेत भिड़ गए थे। लोगों ने पीछा कर दो को तो पकड़ लिया था, लेकिन दो फरार हो गए थे। भीड़ ने युवकों को पीटकर पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं पुलिस ने कार भी जब्त कर ली थी।

पहले क्यों छोड़ा थाने से
मृतक के बड़े बेटे पवन ने आरोप लगाए कि पुलिस के पास आरोपी थे और कार भी, लेकिन पुलिस ने ना तो आरोपियों से पूछताछ की थी और ना ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बल्कि सिर्फ कार नंबर के आधार पर ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पवन ने सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाए कि आरोपियों को पकड़े जाने के बाद थाने से क्यों जाने दिया था? इससे पहले परिजनों ने कमला नगर पुलिस पर आरोपी को बचाए जाने के आरोप लगाए थे। कार की नंबर प्लेट से छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया था।

पुलिस कर्मचारी भी आए जांच की जद में
डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने एसपी साउथ को घटनाक्रम की जांच कर आरोपियों को तत्काल पकड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मौके और थाने में कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों के बयान लेने को भी कहा है, ताकि खुलासा हो सके कि पकड़े गए युवकों को बिना पूछताछ या कार्रवाई किए बिना कमलानगर थाने से कैसे छोड़ दिया गया?
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