भोपाल। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में क्लर्क/कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर सीधी भर्ती हेतु 6 जून 2017 को परीक्षा आयोजित की गई थी। इस भर्ती प्रक्रिया को हाइकोर्ट ने फरवरी 2018 में असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया था किन्तु विभाग द्वारा पुनर्विचार याचिका पर हाइकोर्ट ने कुछ शर्तों पर भर्ती करने की स्वीकृति दी है। संविदा कर्मचारी-अधिकारियों का आरोप है कि सरकार हाइकोर्ट के निर्देशों का पालन न कर मनमाने ढंग से भर्ती कर रही है। इस सिलसिले में आज मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के संविदा कर्मियों ने सहकारिता मंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर विरोध जताया।
भर्ती में आरक्षण को 50% तक सीमित
दरअसल, इस भर्ती के संबंध में हाइकोर्ट ने निर्देश दिए थे, कि भर्ती में आरक्षण को 50% तक सीमित करना होगा। वहीं आरक्षण सीमित होने पर जिलावार पदों की संख्या में कमी या वृद्धि होने के कारण सभी अभ्यर्थियों प्रतियोगियों से पुन: इच्छानुसार जिलों से चयन का आप्शन (विकल्प) देकर करवाया जाये।
कोर्ट के निर्देशों की आवहेलना
लेकिन कोर्ट के निर्देशों की आवहेलना कर सहकारिता विभाग मनमाने ढंग से भर्ती कर रहा है। मनमानी यह है कि भर्ती हेतु अपैक्स बैंक नोडल एजेंसी है, जिसका वर्तमान में संचालक मंडल भंग है। शासन ने यहां प्रशासक बैठाकर रखा है। वहीं 1634 पदों की भर्ती की प्रक्रिया में 1300 का ही चयन किया गया क्यों ? समस्त जिला सहकारी बैंकों में वर्षों से कार्यरत संविदा क्लर्क कम डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को आदेश थमा दिये गये हैं कि भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होते ही आपकी संविदा समाप्त हो जायेगी। सभी को हटा दिया जायेगा।
संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा
जबकि 5 जून को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किए हैं किसी संविदा कर्मचारी को हटाया नहीं जायेगा। नई भर्ती के बाद फिर पूर्व से संविदा पर कार्यरत क्लर्क कम डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों का क्या होगा। नई संविदा नीति में 20 प्रतिशत पद पूर्व से संविदा पर कार्यारत कर्मचारियों के लिये हैं, उसका क्या होगा।
इन सभी समस्याओं को लेकर संविदा कर्मचारियों ने आज सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात कर नाराजगी जाहिर की और हाइकोर्ट के आदेश का पालन करने की मांग की है।