एमपी बोर्ड: प्रवेश एवं परीक्षा के नए नियम लागू

भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रवेश एवं परीक्षा के नए नियम लागू कर दिए हैं। परीक्षा फॉर्म केवल वे ही छात्र भर सकेंगे, जो किसी स्कूल में 31 जुलाई तक प्रवेश लेंगे। अब किसी भी स्कूल को नियमित छात्र संख्या के मान से अधिकतम 10 फीसदी से ज्यादा प्रवेश देने की पात्रता नहीं होगी। इससे ज्यादा पर स्कूल की मान्यता खत्म कर दी जाएगी। ऐसे 16 प्रकरण अभी संयुक्त संचालक दफ्तर में पेंडिंग हैं। इन स्कूलों ने गत वर्ष कक्षा 9 व 11 में प्रवेशित छात्रों की संख्या से कई गुना ज्यादा छात्रों को कक्षा 10 व 12 में प्रवेश दे दिया था। इनकी जांच हो चुकी है। बोर्ड के मुताबिक परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया एक जुलाई से ही एमपी ऑनलाइन के माध्यम से प्रारंभ होगी, जो 12 अगस्त तक चलेगी। 

लेट फीस के साथ छात्र परीक्षा फॉर्म 31 दिसंबर तक भर सकेंगे। बोर्ड के मुताबिक, परीक्षा आवेदन पर हर छात्र का मोबाइल व आधार नंबर लिखा जाएगा। ऐसे छात्र, जिन्हें हाल ही में पूरक की श्रेणी में रखा गया है, उन्हें परीक्षा फॉर्म भरने के लिए रिजल्ट आने के 30 दिन तक का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। जो छात्र वर्ष 2018 की परीक्षा में पास नहीं हो सके हैं, उन्हें ही इस साल नियमित प्रवेश की पात्रता होगी। नियमित छात्र के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य होगी। विशेष परिस्थितियों में 10 फीसदी की छूट मिलेगी पर यह बोर्ड के सक्षम अधिकारी देंगे। जो छात्र किसी खेल में एक्सपर्ट हैं या फिर जिन्होंने कोई विशेष उपलब्धि हासिल की है, उन्हें 60 फीसदी हाजिरी तक नियमित प्रवेश मिलेगा। 

16 स्कूलों की मान्यता खतरे में : 
वर्ष 2017-18 में कक्षा 10 व 12 में कक्षा 9 व 11 की तुलना में 10 फीसदी से ज्यादा छात्रों को प्रवेश देने वाले जिले के 16 स्कूलों की मान्यता खतरे में है। इन्हें बोर्ड ने नोटिस दिया था। उत्तर संतोषजनक न होने पर आयुक्त लोक शिक्षण को मान्यता खत्म करने को कहा गया है। चूंकि स्कूलों को मान्यता संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा देते हैं, इसलिए ये सभी प्रकरण जांच के बाद संयुक्त संचालक को भेज दिए गए हैं।
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