ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय की मूल्यांकन व्यवस्था किसी न किसी कारण से आए दिन सुर्खियों में बनी ही रहती है। अब एक नया मामला उजागर हुआ है। एक निजी महाविद्यालय के बीएससी 6वें सेमेस्टर के जिन चार विद्यार्थियों ने चार विषय की परीक्षा दी उन्हें अंकसूची पांच विषयों में उपस्थित दर्शा कर दे दी गई। इन छात्रों को कंप्यूटर साइंस विषय में उपस्थित दर्शाकर अंक दे दिए गए, जबकि वे इस विषय की परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे। जानकारी के अनुसार ड्रीम वैली कॉलेज के चार विद्यार्थियों किशन सिंह गुर्जर, खेमेन्द्र सिंह रावत, जतिन भार्गव व केशव रजक ने जब नेट से अपनी अंकसूचियां निकालीं तो उन्हें कम्प्यूटर साइंस विषय में भी उपस्थित दर्शाकर अंक दे दिए गए। परेशान छात्रों ने इस मामले की जानकारी जेयू अधिकारियों को दी। पड़ताल के बाद इन सभी विद्यार्थियों की अंकसूची से कम्प्यूटर साइंस विषय हटाकर अंक कम कर अंकसूची सुधार दी गई है।
दोनों विषय भर दिए थे
जेयू अधिकारियों ने जब पड़ताल की तो पता चला कि छात्रों ने परीक्षा फार्म भरते समय ऑप्शनल विषयों (ऐच्छिक विषय) की सूची में शामिल कम्प्यूटर साइंस व इन्फोरमेशन टेक्नॉलॉजी दोनों विषयों को भर दिया था। इस कारण गलत अंक आ गए। लेकिन इस बात पर मौन है कि छात्रों को दोनों विषयों में उपस्थित कैसे दर्शा दिया गया।
कम्प्यूटर मिस्टेक है
परीक्षा नियंत्रक डॉ. राकेश सिंह कुशवाह का इस मामले में कहना है कि छात्रों को दो में से एक ऑप्शनल विषय चुनना था, लेकिन दोनों विषयों का चयन कर लिया। कम्प्यूटर त्रुटि के कारण अंक चढ़ गए थे। अब पूरी जांच के बाद ही अंक सुधार कर दिए गए हैं। इसी तरह की खबरें नियमित रूप से पढ़ने के लिए MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com