
प्रदेश की सड़कों को चकाचक बनाने के लिए समयबद्ध काम में फिसड्डी रहे अफसरों पर प्रमुख सचिव का गुस्सा ज्यादा निकला। रीवा, मंदसौर, देवास, भिंड, बैतूल और मुरैना सहित करीब 12 अफसरों को तो उन्होंने तत्काल शोकाज नोटिस थमाने के निर्देश जारी कर दिए। रीवा के चीफ इंजीनियर को डपटते हुए कहा कि महीनेभर वहीं रहकर कामकाज की निगरानी कर रिपोर्ट भेजें।
बता दें कि सुलेमान की सीएम हाउस में काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। कहा जाता है कि इन्होंने ही मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को उद्योग मंत्रालय से बाहर करवा दिया था। चुनावी साल में एक तरफ बजट नहीं है तो दूसरी तरफ सड़कें बनवाने का दवाब बढ़ता जा रहा है। खुद सीएम शिवराज सिंह परेशान हैं।
नाराजी नहीं समझाइश थी
इसे नाराजी नहीं समझाइश कहें, विभाग के कामकाज में सुधार के लिए ही वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक थी। पिछले वर्ष के कुछ काम नहीं हुए इसलिए संबंधित इंजीनियरों को शोकाज नोटिस दिए गए हैं।
अखिलेश अग्रवाल, प्रमुख अभियंता लोनिवि मप्र
बौखलाहट की निशानी
प्रदेश में मुख्यमंत्री और ब्यूरोक्रेसी बौखलाहट में हैं। अराजकता की स्थिति निर्मित हो रही है। चुनाव तक प्रदेश का भगवान ही मालिक है।
अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष