नई दिल्ली। यह चुनावी साल है। हर छोटी बड़ी गलती के लिए सरकार को सीधे जिम्मेदार माना जाएगा क्योंकि हर प्रक्रिया पर सरकार का नियंत्रण है। फिलहाल मामला राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त एक किताब का है जिसे राजस्थान के अंग्रेजी मीडियम के निजी स्कूलों में 8वीं कक्षा के छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। इस किताब में स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को 'आतंकवाद का जनक’ (फादर ऑफ टेररिज्म) बताया गया है। इसे लेकर अब हंगामा खड़ा हो गया है और सरकार बैकफुट पर है।
राजस्थान राज्य पाठ्यक्रम बोर्ड किताबों को हिंदी में प्रकाशित करता है इसलिए बोर्ड से मान्यता पाए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए मथुरा के एक प्रकाशक की संदर्भ पुस्तक का इस्तेमाल होता है। इसी पुस्तक के अध्याय 22 और पेज संख्या 267 पर तिलक के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिए उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ कहा जाता है। किताब में तिलक के बारे में 18वीं और 19वीं शताब्दी के राष्ट्रीय आंदोलन के संदर्भ में लिखा गया है।
मथुरा के प्रकाशक स्टूडेंट अडवाइजर पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी राजपाल सिंह ने बताया कि गलती पकड़ी जा चुकी है जिसे संशोधित प्रकाशन में सुधार दिया गया है। वहीं राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने इसे देश का अपमान बताया है।