
रोज कलेक्टर के बंगले से गुजरता था
20 की उम्र में डीएसपी बनने के बाद 21 साल की उम्र में डिप्टी कलेक्टर बनने वाले अक्षय सिंह ने अब 23 साल में यूपीएससी भी टॉप कर ली है। उन्होंने कहा- मुझे गाड़ी के आगे लगी लाल बत्ती आकर्षित करती थी। सिविल सर्विसेज में जाना है यह तय था। 12 वीं रिजल्ट के पहले ही पीएससी की काउंसलिंग शुरू कर दी थी। आईआईएम में चुन लिया गया था लेकिन निजी कॉलेज से बीकॉम किया। कॉलेज भी सिर्फ एग्जाम देने गया। मैं राह न भटकूं इसलिए रोज कलेक्टर के बंगले के सामने से गुज़रता और खुद से वादा करता कि एक दिन यहां रहने आना है। इससे मोटिवेशन मिलता था। किताबी कीड़ा नहीं बना मैं कभी।
जिन पर भरोसा हो सिर्फ उन्हीं की बात मानें
थोड़े में बताऊं तो दृढ़ इच्छाशक्ति, नियमित पढ़ाई और टाइम मैनेजमेंट मेरा सक्सेस का फॉर्मूला रहा। यह सब करते सब हैं, लेकिन कौन इसे लक्ष्य पूरा करने तक कर पाता है वो मायने रखता है। यूपीएससी टाॅपर वैभव गुप्ता इंदौर के हैं। उन्होंने बताया "स्कूली शिक्षा सांवेर के हिंदी मीडियम स्कूल से हुई। गुड़गांव में नौकरी के दौरान पहली बार सिविल सर्विसेस के बारे में सुना। जॉब से संतुष्ट नहीं था इसलिए नौकरी छोड़ पीएससी की तैयारी की। यह कोई कठिन परीक्षा नहीं है। बस सही मार्गदर्शन चाहिए। जिन पर भरोसा हो सिर्फ उन्हीं की बात मानें। अपनी गलतियां हमसे बेहतर कोई नहीं जानता। उन्हें ढूंढना है और सुधारकर आगे बढ़ते जाना है। जिस भी सोर्स से पढ़ रहे हो उस पर भरोसा करना और थोड़ा जिद्दी बनना, ताकि खुद को ही चैलेंज कर सको।
BHOPAL SAMACHAR | HINDI NEWS का
MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए
प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com