
इस सबके बीच लोग पिछले साल की घटनाओं को याद कर रहे हैं। नीमच के मालाखेड़ा के कुछ किसानो का कहना है कि पिछली बार हुए किसान आंदोलन से हमारा कोई लेना देना नही था हमारे परिवार से किसान आंदोलन में नही शामिल हुआ इस के बावजूद पुलिस ने घर मे घुस कर हम पर लाठियां बरसाई थी। अब 1 जून से होने वाले किसान आंदोलन को लेकर लगातार प्रशासन किसानों से संपर्क बनाए हुए है। इस मामले में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर रखी है कोई भी उपद्रव करता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी साथ ही धारा 144 भी लागू कर रखी है जो 17 जुलाई तक जिले में प्रभावशील रहेगी, ऐसे में कोई भी बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ 188 के तहत कार्रवाई जाएगी।
कांच का बर्तन बन गया किसान आंदोलन
मप्र सरकार के लिए किसान आन्दोलन एक कांच का बर्तन बनता जा रहा है। जिसे संभालने में जरा सी चुक से पहुचने वाले नुकसान को ठीक करना सरकार के लिए मुश्किल बन सकता है। ऐसे भी किसानो में इस बार काफी आक्रोश है।
पूरा फोर्स बाहर से बुलाया है
संभावित किसान आंदोलन के लिए पूरा फोर्स बाहर से आ गया है। सेकंड बटालियन व 24 बटालियन का फोर्स आ गया है। हमारा आज फ्लैग मार्च भी है जो सेंसिटिव थाना क्षेत्र हैं और पूर्व में किसान आंदोलन से प्रभावित हैं उनमें फ्लैग मार्च करेंगे कहीं भी अभी किसान आंदोलन से पहले कोई स्थिति पैदा नहीं हुई इसीलिए पूरा फोर्स तैयार है।
नरेंद्र सोलंकी, सीएसपी नीमच
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