
विभाग ने सितंबर 2017 में तबादले की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की थी। आवेदन करने वाले अध्यापकों का स्कूलों में खाली पदों के अनुसार चयन किया गया। यह सूची जारी हो चुकी थी। तभी जनजाति कार्य विभाग ने आपत्ति ली तो विभाग ने पिछले महीने तबादलों पर रोक लगा दी थी। जिसका अध्यापकों ने खुलकर विरोध किया। 20 मई के अंक में 'नवदुनिया" ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
इसमें यह भी बताया था कि आदिवासी क्षेत्र में स्थित स्कूलों में पदस्थ अध्यापकों को तबादलों से दूर रखा जाएगा। विभाग ने ऐसे ही आदेश जारी किए हैं। 24 से 31 मई के बीच स्कूलों से रिलीव होने वाले अध्यापकों को 01 से 8 जून के बीच उस स्कूल में ज्वाइन करना होगा, जहां उनका तबादला हुआ है।