
सभी कलेकटरों को अपने अपने जिलों में कौशल एवं रोजगार पंचायत करने के टारगेट दिए गए हैं। निर्देशित किया गया है कि करीब एक लाख युवाओं को कम से कम लेटर आॅफ इंटेन्ट या आॅफर लेटर दिलाया जाए। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग की ओर से इस प्लान को प्रस्तुत किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव के चार माह पहले यानि जुलाई माह में कौशल एवं रोजगार पंचायत आयोजित की जाएंगी। इसके लिए मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने आला अफसरों की बैठक भी ली है। सीएस ने युवाओं के मोबीलाइजेशन के लिए विभागवार लक्ष्य भी जारी किए हैं। कलेक्टरों से कहा गया है कि वे टारगेट के अनुसार लिस्ट तैयार करें।
हर जिले में लगेंगे रोजगार मेले
सरकार ने तय किया है कि युवाओं के लिए रोजगार मेले लगाए जाएंगे। इसके पहले बाहरी एवं जिलों के नियोक्ताओं से चर्चा की जाएगी। हर जिले में 8 से 10 हजार युवाओं को कम से कम आॅफर लेटर तो दिया ही जाएगा। मेले मुख्य तौर पर कॉलेज, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री/विधायक बांटेंगे आॅफर लेटर
सरकार का प्लान है कि रोजगार मेले में जैसे ही किसी युवा को रोजगार के लिए चयनित किया जाता है वैसे ही उसे स्थानीय विधायक या पार्टी के नेताओं के हाथों आॅफर लेटर या लेटर आॅफ इंटेंट दिलाया जाएगा। इसके पीछे मकसद है कि युवा अपने क्षेत्र के भाजपा विधायक को पहचान सके जिससे आने वाले विधानसभा चुनाव में युवाओं का भाजपा के प्रति रुझान बढ़ेगा। विभाग की तैयारी है कि जिला स्तर पर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत संचालित प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रशिक्षित युवाओं की जानकारी एकत्रित की जाएगी और 30 जून तक प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देने के प्रयास किए जाएंगे।