संविदा समाप्त, अध्यापकों को सम्मान, अतिथि चुप: शिवराज सिंह | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 'दिल से' कार्यक्रम के दौरान एक बार फिर से कर्मचारियों के मुद्दे पर बात की। उन्होंने बताया कि सविदा व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया है। यानी अब एक भी संविदा नियुक्ति नहीं होगी। उन्होंने दोहराया कि अध्यापकों को सम्माजनक वेतन देंगे और महिलाओं को शाला शिक्षक भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण देंगे। सीएम शिवराज सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतन भत्ते दिए जा रहे हैं। अतिथि शिक्षकों के बारे में सीएम ने कुछ नहीं कहा। 

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में एक लाख नई नौकरियों में भर्ती होगी। इसमें शिक्षकों के पदों में महिलाओं के लिये 50 प्रतिशत आरक्षण रहेगा। बाकि भर्तियों में भी महिलाओं के लिये आरक्षण रहेगा। महिला स्व-सहायता समूहों को और सशक्त बनाया जा रहा है। प्रदेश में कर्मचारी कल्याण के लिये संविदा व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसके लिये नई नीति बनाई जा रही है। अध्यापकों और शिक्षकों की सेवा शर्तों और मानदेय को सम्मानजनक बनाया गया है। प्रदेश में केन्द्र के समान महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। प्रदेश में सातवें वेतनमान को लागू किया गया है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपील की कि अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों पर भी ध्यान दें तथा प्रदेश को बेहतर बनाने के लिये काम करें।

अतिथि शिक्षकों के संदर्भ में कुछ नहीं कहा
बता दें कि मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षक लम्बे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को कुछ फार्मूले भी सुझाए और विभागीय परीक्षा कराने का प्रस्ताव भी रखा है। उनका कहना है कि जब सीधी भर्ती वाले गुरूजियों को संविदा शिक्षक बनाया जा सकता है तो फिर उन्हे क्यों नहीं। वर्तमान सत्र में हटा दिए गए अतिथि शिक्षकों का कहना है कि 3 वर्ष अनुभव वालों को नियमितीकरण का लाभ मिलना चाहिए। इसी के चलते मप्र में संविदा शाला शिक्षक भर्ती अटकी हुई है। 

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