
जानकारी के अनुसार, 62 वर्षीय मृतक मोहम्मद निसार मस्जिद में कई सालों से अजान देने का काम कर रहे थे। वह मस्जिद में रहते थे और अजान लगाने का काम करते थे। गुरुवार को सुबह 10.30 बजे मस्जिद के गेट पर खड़े थे, तभी हमलावर आए और उन्होंने मुअज़्ज़िन मोहम्मद निसार के गले में चाकू से वार किया। चाकू लगने के बाद वह मस्जिद के अंदर भागे। ताकि अंदर बैठे इमाम से मदद हासिल कर सकें, लेकिन वह इमाम तक नहीं पहुंच सके और वहीं ढेर हो गए।
आवाज सुनकर लोग बाहर आए तो देखा मुअज्जिन की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई है। कुछ लोग बाहर आए और पुलिस को सूचना दी। बताया जा रहा है कि हाफिज मोहम्मद निसार मस्जिद में अकेले ही रहते थे, उनके दो भाई हैं, जो साथ ही रहते हैं और परिवार में कोई नहीं है।
पुलिस ने मस्जिद के मोअज्जिन की हत्या का खुलासा करते हुए मस्जिद के इमाम के बेटे को हिरासत में ले लिया है। आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। हत्या जुमे की नमाज के बाद इकट्टा होने वाले चंदे को लेकर की गई। चंदे के रूपयों को लेकर पिछले 6-7 महीने से विवाद चल रहा था। इससे पहले मस्जिद कमेटी ने विवाद को सुलझा भी दिया था। आरोपी ने पिछले दिनों मोअज्जिन निसार अहमद के कमरे की बिजली काट दी थी, जिसको लेकर भी दोनों में हाथापाई हुई थी।
आरोपी का यह भी कहना है कि मृतक निसार उसकी बहन पर बुरी नजर रखता था और चार दिन पहले भी उसने उसकी बहन को छेड़ा था इसलिए वह निसार की हत्या करने की ठान चुका था। पुलिस ने आरोपी से हत्या के लिए प्रयोग में लाए गए पेचकस को जब्त कर लिया है।
पुलिस ने मस्जिद के मोअज्जिन की हत्या का खुलासा करते हुए मस्जिद के इमाम के बेटे को हिरासत में ले लिया है। आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। हत्या जुमे की नमाज के बाद इकट्टा होने वाले चंदे को लेकर की गई। चंदे के रूपयों को लेकर पिछले 6-7 महीने से विवाद चल रहा था। इससे पहले मस्जिद कमेटी ने विवाद को सुलझा भी दिया था। आरोपी ने पिछले दिनों मोअज्जिन निसार अहमद के कमरे की बिजली काट दी थी, जिसको लेकर भी दोनों में हाथापाई हुई थी।
आरोपी का यह भी कहना है कि मृतक निसार उसकी बहन पर बुरी नजर रखता था और चार दिन पहले भी उसने उसकी बहन को छेड़ा था इसलिए वह निसार की हत्या करने की ठान चुका था। पुलिस ने आरोपी से हत्या के लिए प्रयोग में लाए गए पेचकस को जब्त कर लिया है।