राज्य अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों ने वित्त सलाहकार से मुलाकत की | ADHYAPAK SAMACHAR

मंडला। शुक्रवार को राज्य अध्यापक संघ के जिला प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के वित्त सलाहकार और अध्यापक मामले में लम्बे समय से जुड़े रहे मनोज श्रीवास्तव से मुलाकात की। श्री मनोज श्रीवास्तव गत दिवस मण्डला प्रवास पर थे। राज्य अध्यापक संघ के डी के सिंगौर प्रकाश सिंगौर सुनील नामदेव भजन गवले ने अधिकारी को एक ज्ञापन भी दिया। प्रतिनिधि मंडल ने श्री श्रीवास्तव को बताया कि आपकी उपस्तिथि में लोक शिक्षण संचालनालय में एनपीएस के संबंध में सीपीआई और एनएसडीएल के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग हुई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि अध्यापकों की एनपीएस की कटौती शासकीय कर्मचरियों की भांति कोषालय से ही की जायेगी तभी समय पर कटौती की राशि अध्यापकों के प्रान खाते में जमा हो सकेगी। 

इस पर आज दिनांक तक अमल नहीं हुआ है प्रक्रिया बदल कर जिले से जरूर कर दी गई है लेकिन इसका प्रशिक्षण संकुल प्राचार्य और बीइओ को नहीं दिया गया जिसके चलते लगभग 49 करोड़ की राशि ट्रायवल कमिश्नर के खाते में जमा है लेकिन अध्यापकों के खाते में जमा नहीं हो रही है । अधिकारी  ने माना की यह बहुत ही गम्भीर मामला है उन्होनें आश्वासन दिया कि जल्दी से जल्दी इसका वे निराकरण करायेंगे जल्दी कमिश्नर से चर्चा कर एक मीटिंग बुलायेंगे और प्रशासनिक स्तर से इसे ठीक करायेंगे। 

अध्यापकों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग में संविलयन, 7वे वेतनमान,6वे वेतनमान की विसंगति से जुड़े कई सवाल उनसे किये । उन्होंने बताया कि संविलयन की पूरी तैयारी कर ली गई है यद्दपि यह एक लम्बी प्रक्रिया है विशेष कर वरिष्ठता सूची को लेकर जो धीरे धीरे पूरी होगी । अध्यापकों ने आशंका व्यक्त की कि ऐसा तो नहीं होगा कि संविलयन के दिनांक से हमारी सेवाएं गणना में ली जायेंगी । उन्होंने कहा कि अध्यापक के समय की सेवा से लाभ मिलेगा । प्रतिनिधियों ने बेबाकी से कहा कि छठवें वेतनमान की विसंगतियों के निराकरण में सरकार का रवैया बेहद नकरात्मक रहा और मजबूरन हमें कोर्ट जाना पड़ा और अभी भी 2006 के बाद वाले अध्यापकों का वेतन सही नहीं मिल रहा है यदि टेबल में 3प्रतिशत की दर से वेतनवृद्धि दी जाये तो मामला सुलझ जायेगा उन्होंने इसे पहले समझा फिर कहा एक बार इसे दिखा लेते हैं 6 माह से अधिक सेवा अवधि को पूर्ण वर्ष मानने के मामले में उन्होंने कहा कि इसका लाभ हम आपको जरूर दिलायेंगे। 

एलटीटी की वेतनवृद्धि के मामले पर बताया गया की इसका लाभ बंद हो गया है जबकि विधान सभा में शिक्षा मंत्री के उत्तर में विरोधभास है इस प्रश्न पर वे असमंजस में दिखे। अंतरिम राहत की वसूली पर उन्होंने कहा कि  अब इसकी कोई वसूली नहीं होगी । शिक्षाकर्मी सर्विस  के वेटेज का लाभ नहीं मिला यह भी उन्हें अवगत कराया गया । अतिथि शिक्षकों के बिना विद्यालय संचालन नही होने की बात भी कही गई  चर्चा सौहाद्रपूर्ण रही। 

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