नई दिल्ली। फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने एक अडवाइजरी जारी की है। यह एक सामान्य अडवाइजरी है परंतु इसके कुछ नए मायने निकाल लिए गए हैं। सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि नोटबंदी के बाद जारी किए गए नए नोटों से लोगों में संक्रमण का खतरा है। आइए हम बताते हैं इसका पूरा सच। जो खबर वायरल हो रही है वो सही है, लेकिन पूरा सच नहीं है। अडवाइजरी के अनुसार किसी भी प्रकार के नोट या सिक्कों से संक्रमण का खतरा है। इसमें नए और पुराने के बीच अंतर नहीं किया जा सकता।
फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया लोगों को करंसी नोट्स और सिक्कों से फैलने वाले संक्रमण के प्रति आगाह किया है। एक अडवाइजरी के जरिए उसने कहा है कि करंसी नोट्स और सिक्के हर रोज सामान खरीदने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। ये एक से दूसरे शख्स के हाथों में जाते हैं, जो कि आमतौर पर गंदे और संक्रमित भी हो सकते हैं। इसके साथ ही नोटों को थूक लगाकर गिना भी जाता है।
बैंकों और कई जगह पर करंसी को अस्वास्थ्यकर हालात में रखा जाता है। अडवाइजरी में कहा गया है कि इस तरह की करंसी कई रोगों का कारण बन सकती है। अथॉरिटी ने कहा है कि इसके साथ ही कई स्ट्रीट वेंडर्स और खाद्य पदार्थ बेचने वाले लोग गंदे और खाद्य पदार्थ लगे हाथों से ही करंसी का आदान-प्रदान करते हैं। उसने जनता से करंसी के लेन-देन में सावधानी बरतने के साथ ही राज्यों से खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए जरूरी इंतजाम करने को कहा है।
उसने राज्यों से कहा है कि वह खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए एक हाथ में दस्ताना पहनना जरूरी करें, ताकि करंसी को संक्रमित होने से रोका जा सके। जिस हाथ में दस्ताना न हो उससे ही करंसी का लेन-देन किया जाए। हाल में ऐसी खबरें आई थीं कि करंसी नोट्स और सिक्कों में सेहत के लिए खतरनाक बैक्टीरिया और फंगस पाए गए हैं। इसके बाद सरकार की ओर से अडवाइजरी जारी की गई है।