भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा चारों खाने चित हो चुकी है। लगातार 4 विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद पार्टी को सिर्फ एक फीडबैक मिला जो सभी सीटों पर सामान्य था कि पार्टी कार्यकर्ता नाराज हैं और उन्होंने वैसा प्रदर्शन नहीं किया जैसा लोकसभा चुनाव में किया था। वो मीटिंगों में तो आए लेकिन मतदाताओं के पास नहीं गए। कुछ गए भी तो उन्होंने दमदारी से वोट अपील नहीं की, केवल औपचारिकता की।
अब भाजपा ने तय किया है कि पार्टी कार्यकर्ताओं का मूड पता लगाने के लिए प्रदेश स्तर से नेताओं को ब्लॉक तक भेजा जाएगा। इससे पहले भाजपा जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी गई थी परंतु वो भी काम की नहीं निकली। पार्टी की तरफ से जाने वाले नेता भाजपा के आम कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और उनका मूड पता लगाने की कोशिश करेंगे। अमित शाह ने यह रिपोर्ट 31 मार्च तक मांगी है लेकिन लगता है कि यह कवायद पूरे अप्रैल तक चलेगी।
माना जा रहा है कि इसी कड़ी में झाबुआ और राजगढ़ के बीजेपी जिलाध्यक्षों पर भी गाज गिरी है। सूत्रों की माने तो हाल में पार्टी को मिले फीडबैक में पाया गया कि जिलों में जिलाध्यक्षों और विधायकों की मनमानी से कार्यकर्ता और मंडल प्रभारी नाराज हैं, लिहाजा संगठन को उम्मीद है कि तटस्थ पदाधिकारियों से कार्यकर्ता खुलकर अपनी बात कह सकेंगे।
बता दें, मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत शामिल हुए थे।