1 मिनट में पढ़िए दलबदलू अग्रवाल की पूरी कहानी | NATIONAL NEWS

हरिशंकर मिश्र/लखनऊ। पाला बदलने में माहिर नरेश अग्रवाल ने हमेशा सत्ता की देहरी चूमी। प्रदेश में जिस भी दल का परचम लहराया, उसका साथ पकडऩे में उन्होंने देर नहीं की। सपा से राज्यसभा टिकट न मिलने के बाद अब नरेश अग्रवाल भाजपा में है। डील हुई है कि नरेश अग्रवाल को 2019 के लोकसभा चुनाव में हरदोई से बतौर भाजपा प्रत्याशी उतारा जाएगा। बता दें कि 38 साल की राजनीति में नरेश ने 4 दलों को ज्वाइन किया और 1 पार्टी भी बनाई। 

शुरूआत कांग्रेस से की
हरदोई निवासी 67 साल के नरेश चंद्र अग्रवाल का कुल इतना सफरनामा है। 1980 में वह हरदोई से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए। सात बार विधायक चुने जा चुके नरेश सियासत की सौदेबाजी में कभी घाटे में न रहे। 

फिर अपनी पार्टी बनाई, भाजपा सरकार में मंत्री रहे
1997 में उन्होंने कांग्रेस के कई विधायकों को साथ लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और विश्वास मत हासिल करने में कल्याण सिंह का साथ दिया। इस सहयोग के बदले वह कल्याण, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह सरकार में प्रदेश में ऊर्जा मंत्री रहे। 

भाजपा से गठबंधन छोड़, सपा में शामिल
2002 का चुनाव उन्होंने सपा के टिकट पर लड़ा और मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में परिवहन मंत्री भी बने।

बसपा की सरकार बनी तो बसपा में घुस गए
नरेश को सत्ता का साथ किस कदर भाता रहा है, इसकी बानगी 2007 का चुनाव रहा। इसमें वह हरदोई से सपा के टिकट पर जीते, लेकिन सरकार बहुजन समाज पार्टी की बनी। मई 2008 में उन्होंने सपा से नाता तोड़ लिया और मायावती के साथ हो गए। 

लौटे के नरेश सपा में आए
हालांकि नरेश बसपा के साथ भी न टिके। 2012 में जब उन्हें लगा जनता का रुख समाजवादी पार्टी की ओर है तो उन्होंने बेटे के साथ फिर सपा की सदस्यता ले ली। सपा ने 2012 में उन्हें राज्यसभा भेजा और अक्टूबर में आगरा में हुए अधिवेशन में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया गया था। वह अपने बयानों को लेकर हमेशा विवादित रहे। राज्यसभा में उन्होंने हिंदू देवी देवताओं के नाम से शराब के ब्रांडों के नाम गिनाए थे। कुलभूषण जाधव के लिए आतंकवादी शब्द के इस्तेमाल पर भी उनकी आलोचना हुई थी।

दल बदल के समय दिए गए बयान
अब पूरा राजनीतिक जीवन बहनजी को अर्पित कर रहा हूं। अपना बेटा उन्हें सौंप रहा हूं। मायावती भावी पीएम ही नहीं देश की कर्णधार हैैं।
(2008 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल होते समय)

चार साल बाद खुद को राजनीतिक रूप से आजाद महसूस कर रहा हूं। जब तक मुलायम सिंह यादव को सीएम नहीं बना लेता, चैन से नहीं बैठूंगा।
(2011 में समाजवादी पार्टी में शामिल होते समय)

मैं प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित हूं। सीएम योगी से भी प्रभावित हूं। सरकार जिस तरह से काम कर रही है, पीएम के नेतृत्व में उनके साथ होना चाहिए।
(सोमवार को भाजपा में शामिल होते समय) 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !