
श्योपुर के ओछा गांव में आयोजित आदिवासी समाज के 27 गांवो की महापंचायत में निर्णय लेकर महिलाओं के लिये नया फरमान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि समाज की कोई भी युवती या महिला अकेली मजदूरी पर नहीं जाएगी। सहरिया महापंचायत के आदिवासी नेता गंगाराम ने बताया कि साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि कोई भी युवती या महिला मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करेगी। यदि किसी को मोबाइल फोन पर बात करते हुए या साथ में फोन रखते हुए पकड़ा गया तो उस पर पहली और दूसरी बार में 500-500 रुपए का अर्थदंड होगा।
तीसरी बार मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पकड़े जाने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना और इसके साथ ही समाज से बाहर कर दिया जाएगा। महापंचायत के पदाधिकारी समाज की इज्जत का हवाला देकर बैन को जरूरी ठहरा रहे है। समाज के फैसले तले दबी महिलाएं भी बैन को जायज बता रही है और इसे सबका फैसला बताते हुए मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने की दुहाई दे रही है। हालांकि, राज्य महिला आयोग से जुड़ी सदस्य सरोज तोमर का कहना है कि ऐसे फैसले पर आपत्ति जताते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही है।