मोदी की मंत्री उमा भारती ने लिया चुनावी राजनीति से सन्यास | NATIONAL NEWS

झांसी। केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने ऐलान किया है कि वह भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि वह पार्टी के हितों के लिए काम करती रहेंगी। उमा भारती ने कहा कि उन्होंने यह फैसला अपने खराब स्वास्थ्य के चलते लिया है। माना जा रहा है कि वो पार्टी में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं। सूत्रों का दावा है कि उनकी नाराजगी पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह यहां तक कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत के प्रति भी है। इसलिए उन्होंने फिलहाल उचित समय का इंतजार करने का फैसला किया है। 

झांसी से सांसद उमा भारती ने कहा कि वह दो बार सांसद रही हैं और पार्टी के लिए काफी काम किया है। इसके चलते इतनी कम उम्र में उनका शरीर जवाब देने लगा है। कमर और घुटनों में दर्द के चलते चलने-फिरने में परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि वह पहले की तरह ही पार्टी के लिए प्रचार करती रहेंगी। बता दें, उमा भारती वर्तमान में झांसी, उत्तरप्रदेश से सांसद हैं।

मूलत: टीकमगढ़ मप्र की रहने वाली उमा भारती ने राममंदिर आंदोलन के समय सक्रिय भूमिका निभाई थी। उमा ने पार्टी के लिए काफी काम किए परंतु वो पार्टी से कभी संतुष्ट नहीं रहीं। एक वक्त ऐसा था जब उनसे उनकी पहचान 'राम मुद्दा' छीन लिया गया। मप्र में उन्होंने भाजपा की सरकार बनाई परंतु उन्हे सीएम पद से हटा दिया गया। यह पहली बार है जब वो केंद्रीय मंत्री रहते हुए इतना समय गुजार रहीं हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्रालय 6 माह से ज्यादा नहीं रहे। इस बार गंगा के संदर्भ में उनका काफी अपमान हुआ और सूत्रों का कहना है कि वो पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह से आहत हैं परंतु इस बार उन्होंने रणनीति बदली है। उन्होंने पहले की तरह कोई धमाकेदार ऐलान नहीं किया बल्कि आडवाणी जी के कहने पर वक्त का इंतजार करना उचित समझा। 

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