
शिक्षक कांग्रेस के प्रेस रिलीज के अनुसार प्रदेश की सरकार ने शिक्षक संवर्ग के साथ छलावा किया है इस कारण प्रदेश के शिक्षक संवर्ग में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। सरकार के मुखिया ने शिक्षक दिवस के पावन पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक संवर्ग को समयमान वेतनमान एवम 30 वर्षो से एक ही पद पर सेवा दे रहे सहायक शिक्षको को एक मुश्त पदोन्नति देकर शिक्षक बनाने की आकर्षक घोषणा की थी लेकिन जब आदेश जारी हुए तो समयमान के स्थान पर तृतीय क्रमोन्नति दे कर घोषणा की इति श्री हो गई। पदोन्नति वाली घोषणा तो फाइलों में गुम हो चुकी है।
इस प्रकार सरकार की कथनी करनी का अंतर जगजाहिर है। सरकार शिक्षकों ही नही प्रदेश के बारह लाख कर्मचारियों के साथ छलावा कर रही है। जिससे कर्मचारी जगत में शिक्षकों की भांति आक्रोश एवम तनाव व्याप्त है। प्रदेश की राजधानी के मंत्रालय कर्मचारी संगठन द्वारा भूख हड़ताल जैसे कदम उठाने पड़े हैं। प्रदेश की मातृशक्ति आंदोलित हो कर मुंडन कराने पर मजबूर हुई। सरकार शिक्षकों एवम अध्यापकों की हितैषी होने का कथित दावा करती है। जबकि धरातल की बस्तुस्थिति इसके प्रतिकूल है। घोषणाओं के आदेश विसंगति पूर्ण निकलना आम बात है।अध्यापकों को 6वां वेतनमान का संशोधित गणना पत्रक आने में लगभग एक वर्ष लगा। शिक्षक संवर्ग की घोषणा को भी छह माह हो गए। अध्यापक बहिनो को चाईल्ड केयर लीव का जारी आदेश राहत कम तनाव अधिक देने वाला है।
म.प्र.शिक्षक कांग्रेस की सरकार से मांग है कि शिक्षक संवर्ग एवम अध्यापक संवर्ग के लिए की गई घोषणाओं के विसंगति पूर्ण आदेश शीघ्र जारी करे अन्यथा संगठन को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। मांग करने बालो में शिक्षक कांग्रेस नेता सर्व श्री बाल कृष्ण शर्मा , किशन रजक ,महेश भारद्वाज, जगदीश मिश्रा , कमल द्विवेदी , हरीश तिवारी , उमेश सिंह ,प्रमोद त्रिवेदी , रसीद खान साबिर ,राजेंद्र गुजराती , भोला राम शर्मा , कल्याण सिंह वर्मा , धर्मेन्द्र सिंह ,राजेंद्र जैन , गोविंद शर्मा ,रामकुमार पाराशर ,राम सेवक राठौर ,भानु पाराशर ,गजेंद्र रावत ,राजेश त्रिवेदी ,पवन समाधिया ,सत्य नारायण शर्मा ,नरेश शर्मा , प्रमोद त्रिवेदी , रामनाथ विसरिया ,प्रदीप मुदगल ,आदि प्रमुख है।