लालची DOCTORS ने केंसर का डर दिखाकर 599 महिलाओं आॅपरेशन कर डाले, सस्पेंड | MP NEWS

आनंद ताम्रकार। मध्यप्रदेश के NARSINGHPUR जिले में मेडिकल माफिया का खेल उजागर हुआ है। इसमें 2 सरकारी डॉक्टर भी शामिल थे। दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। गजब देखिए कि डॉक्टरों ने प्रसव या दूसरी बीमारियों का इलाज कराने आईं महिलाओं को केंसर कर डर दिखाया और बच्चेदारी का आॅपरेशन कर दिया। ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लिए 599 महिलाओं के आॅपरेशन किए गए, इसमें कई महिलाओं की उम्र 25 साल या इससे कम थी। बता दें कि 40 साल से कम उम्र की महिलाओं की बच्चेदानी का आॅपरेशन अतिआवश्यक हो जाने की स्थिति में ही किया जाता है। 

डॉक्टरों ने मेडिकल एथिक्स का उल्लंघन किया
नरसिंहपूर जिले के जिला शासकीय अस्पताल में जनवरी 2017 से सितम्बर 2017 के मध्य 9 माह की अवधि में 599 महिलाओं की बच्चेदानी के आपरेशन करने के मामले में स्वास्थ्य संचालक स्वस्थ्य सेवा मध्यप्रदेश ने नरसिंहपूर में पदस्थ डॉ.डी.पी.सिंह एवं डॉ.आर.के. सिंघई को कदाचरण का दोषी पाये जाने पर उन्हें निलम्बित कर दिया है। गत 30 जनवरी को पारित आदेश में दोनों डाक्टरों को आपरेशन करने के लिये आवश्यक नियमावली का पालन ना करने सहित अन्य आरोप सही पाये जाने का उल्लेख किया गया है। इस मामले का शासन के संज्ञान में आने पर क्षेत्रिय संचालक स्वास्थ्य सेवायें जबलपुर द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया था जांच के दौरान दोनों डाक्टरों को दोषी पाया गया है। जांच में यह सिद्ध हुआ है कि डाक्टर आर.के. सिंघई और डाक्टर डी.पी.सिंह ने मेडिकल एथिक्स का उल्लंघन किया है।

कमीशन कमाने के लिए प्राईवेट सोनोग्राफी कराई
डॉ. सिंघंई ने 29 वेजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी एवं 228 एब्डोमिनल हिस्ट्रेक्टॉमी आपरेशन किया है। इसी तरह डी.पी.सिंह ने 5 वेजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी एवं 276 एब्डोमिनल हिस्ट्रेक्टॉमी किये है। आपरेशन के पूर्व नियमानुसार महिलाओं की स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ चिकित्सों से जांच नही कराई। जिला अस्पताल में 5 स्त्री रोग विशेषज्ञ होने के बावजूद उनसे इस संबंध में मत नही लिया गया। अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद प्राईवेट नीखरा अस्पताल से सोनोग्राफी कराई गई और उसके द्वारा दिये गये डायग्नोस को अंतिम मानते हुये आपरेशन कर दिये गये। निलम्बित दोनों डाक्टरों को क्षेत्रिय संचालक स्वास्थ्य सेवायें जबलपुर के कार्यालय में अटेच कर दिया गया है।

450 महिलाएं 45 से कम उम्र कीं
यह उल्लेखनीय है कि जिनका महिलाओं का आपरेशन किया गया है उनमें कम उम्र की महिलायें ज्यादा है इनमें 25-35 वर्ष की महिलाओं की संख्या 200 से अधिक है। जबकि 35-45 वर्ष की महिलाओं की संख्या लगभग 250 है। जांच के दौरान पाये गये दस्तावेजों के अनुसार 12 से अधिक महिलायें ऐसी भी है जिनकी उम्र 23 से 25 वर्ष के बीच है। सामान्यत बच्चेदानी के आपरेशन 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के किये जाते है वह भी तब जबकि दवाओं से उपचार ना हो सके अत्यन्त आवश्यक होने पर ही आपरेशन किये जाने के निर्देश हैं। इस तरह के आपरेशन में उम्र का विशेष ध्यान रखा जाता है तथा कम उम्र की महिलाओं के आपरेशन करने की बजाये दवाओं से उपचार किये जाने को प्राथमिकता दी जाती है। यह भी देखा जाता है कि आपरेशन करने वाली महिलाओं के कितने बच्चे है।

केंसर का डर दिखाकर आॅपरेशन कर दिए 
इस तरह कुछ डाक्टरों और स्टाफ की सांठगांठ के चलते एक रैकेट के माध्यम से जो महिलायें प्रसव और अन्य उपचार के लिये आने वाली कम उम्र की महिलाओं को केंसर तथा अन्य बीमारियों का भय दिखाकर बच्चादानी के आपरेशन के लिये उन्हें मजबूर किया गया तथा उनसे मनमाने पैसे भी आपरेशन की आड में लिये गये। 

अब जागा प्रबंधन
इस मामले का खुलासा होने के बाद डाक्टरों की एक समिति बनाई गई है जिसमें एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को शामिल किया गया है समिति महिला का आवश्यक परिक्षण करेगी की आपरेशन जरूरी है कि नही जिसकी अनुमति के बाद कोई डाक्टर बच्चेदानी का आपरेशन कर सकेगा। डॉक्टर विजय मिश्र सिविल सर्जन जिला अस्पताल नरसिंहपुर।

रैकेट के दूसरे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई कब
इस रैकेट में 2 सरकारी डॉक्टर शामिल थे जिन्हे सस्पेंड कर दिया गया है परंतु सवाल यह है कि दूसरे सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी। क्या यह मामला पुलिस को सौंपा जाएगा। मामला काफी गंभीर है। महिलाओं की जान जोखिम में डाल दी गई। अब वो कभी संतान उत्पत्ति नहीं कर पाएंगी। पैसा कमाने के लिए उनकी संतान उत्पत्ति का अधिकार छीन लिया गया। इस मामले में यदि बाहरी सदस्यों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं हुई तो यह रैकेट को संरक्षण देने जैसा होगा। 

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