भोपाल। भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) में जीएसटी घोटाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बीडीए हर लेनदेन पर जीएसटी वसूल रहा है। जबकि रसीदों पर जीएसटी नंबर ही नहीं है। यह प्रकरण संदेह पैदा करता है कि बीडीए में जीएसटी की अवैध वसूली चल रही है। संभव है 2 तरह की रसीदें भी चल रहीं हों। एक जो ग्राहकों को दी जा रही है और दूसरी जो रिकॉर्ड में रखी जाएंगी। इस मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है। इसे महज लापरवाही नहीं कहा जा सकता। ग्राहकों का कहना है कि बीडीए ब्याज पर भी जीएसटी वसूल रहा है जबकि ब्याज तो जीएसटी के अंतर्गत आता ही नहीं। सवाल यह है कि ग्राहकों से वसूला गया पैसा कहां जा रहा है। क्या घालमेल चल रहा है।
केस-1 : जीएसटी के नाम पर 12% की वसूली
बीडीए के बर्रई प्रोजेक्ट में संदीप कुमार ने टू बीएचके फ्लैट खरीदा है। उनसे जल प्रदाय धरोहर राशि के लिए तीन हजार और नल कनेक्शन चार्ज के लिए 500 रुपये वसूल किए गए। बीडीए द्वारा 6 दिसंबर को दी गई रसीद में बुक नंबर 1340 और रसीद नंबर 04 में कुल राशि 3 हजार 500 पर 12 प्रतिशत जीएसटी के रूप में 420 रुपए अतिरिक्त चार्ज लिया गया। लेकिन इस रसीद में जीएसटी नंबर ही नहीं डाला गया है।
केस-2 : ब्याज पर भी लगा दिया जीएसटी
मीरा ठाकुर ने भी बर्रई प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदा है। किस्त चुकाने में देरी होने पर उन्होंने ब्याज का भुगतान किया। लेकिन ब्याज की रकम पर भी बीडीए ने 12 प्रतिशत जीएसटी लग दिया। बुक नंबर 1345 और रसीद नंबर 12 की भुगतान रसीद में बीडीए प्रशासन द्वारा ब्याज की राशि 14 हजार 532 पर 12 प्रतिशत जीएसटी राशि 1744 रुपए अतरिक्त वसूल किए गए। इस पावती में भी जीएसटी नंबर का उल्लेख नहीं किया गया है।
हर प्रोजेक्ट में जीएसटी के नाम पर अवैध वसूली
बर्रई और सलैया अफोर्डबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में ही करीब तीन हजार से ज्यादा फ्लैट हैं। नल कनेक्शन राशि और जल धरोहर के लिए कुल साढ़े तीन हजार रुपये पर 12 प्रतिशत जीएसटी वसूल किया जा रहा है। इस लिहाज से सिर्फ दो प्रोजेक्ट में ही जीएसटी के नाम पर 12 लाख 60 हजार रुपए वसूल किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि बीडीए के 10 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं। वहीं इन तमाम प्रोजेक्ट में खरीदारों से भी अलग-अलग मदों के तहत जीएसटी वसूल किया जा रहा है।
खरीदार बोले- अधिकारी नहीं देते जानकारी करेंगे शिकायत
बीडीए प्रोजेक्ट्स के खरीदार अब इस मामले को लेकर शिकायत करेंगे। बर्रई में बीडीए का फ्लैट खरीदने वाले एपी पांडे ने बताया कि जीएसटी किस आधार पर किन नियमों के तहत वलूस किया जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। जानकारी मांगने पर अधिकारी बात ही नहीं करते। वहीं सलैया प्रोजेक्ट के खरीदार आर मिश्रा का कहना है कि बीडीए द्वारा दी गई रसीद में जीएसटी नंबर नहीं है, जो साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है।
सभी नियमों का कर रहे पालन
बीडीए जीएसटी से संबंधित सभी नियमों का पालन कर रहा है। खरीदार जो भी जानकारी चाह रहे हैं, उन्हें दी जा रही है। बात रही जीएसटी नंबर के उल्लेख की तो उसका भी पालन किया जाएगा।
नीरज वरिष्ठ, सीईओ बीडीए
जीएसटी नंबर डालना जरूरी
रसीदों में जीएसटी नंबर का उल्लेख करना सभी के लिए अनिवार्य है। जलप्रदाय धरोहर राशि पर जीएसटी वसूलने के मामले में यदि शिकायत मिलती है तो मामले का अध्ययन कर जांच की जाएगी। गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई भी होगी।
मिलिंद लांजेवार, अपर आयुक्त, जीएसटी