
मिलर्स वालों को कहना है कि इस वर्ष वैसे ही धान की पैदावार कम है उपर से अनुबंध निरस्त होने से उन्हें लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है। दरअसल खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 में प्रदेश के कई तिलर्स ने कस्टम मिलिंग हेतु प्रदाय की गई धान की मिलिंग अनुबंध के नियमों के हिसाब से नही की।
इसके साथा ही सीएमआर चांवल जमा करने में भी विलंब किया। सूचना देने के बाद भी बीआरएस चांवल को बदला नही गया। प्रबंध संचालक म.प्र.नागरिक आपूर्ति निगम के विकास नरवाल ने अवगत कराया की अनुबंध का पालन नही करने वाले मिलर्स के अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही की गई है जिसमें ज्यादा जबलपुर और बालाघाट के मिलर्स है।