इंदौर हादसा: DPS में छापा, 1 अधिकारी समेत 3 गिरफ्तार | MP NEWS

इंदौर। दिल्ली पब्लिक स्कूल (DELHI PUBLIC SCHOOL) के बस एक्सीडेंट मामले में अब प्रशासन हरकत में आ गयास है। शनिवार देर रात पुलिस ने डीपीएस परिसर पर छापा मारा। पुलिस ने यहां से 68 बसों के दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस ने डीपीएस के एक अधिकारी समेत स्पीड गवर्नर लगाने वाली कंपनी के संचालक एवं कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही स्पीड गवर्नर लगाने वाली कंपनी के 2 आॅफिस भी सील कर दिए गए हैं। 

पुलिस रिपोर्ट में DPS MANAGEMENT को क्लीनचिट 
उधर, गृहमंत्री के आदेश के बाद पुलिस ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री, पुलिस मुख्यालय और गृहमंत्री को भेजी, जिसमें हादसा होने का कारण स्टीयरिंग फेल होना नहीं, बल्कि तेज रफ्तार बताया गया है। एएसपी प्रशांत चौबे के मुताबिक जांच में शामिल विशेषज्ञ और एमटीओ टीम ने बताया कि घटना के वक्त बस की स्पीड 70 किमी/घंटा से अधिक थी। इस कारण बस बेकाबू होकर डिवाइडर से टकराई और दूसरी लेन में चली गई। स्टीयरिंग फेल होता तो टायर और रॉड पर असर होता, जबकि स्टीयरिंग और रॉड टूटी हुई है। यह टक्कर के बाद टूटी थी।

स्कूल की ट्रांसपोर्ट शाखा में रातभर छानबीन, दस्तावेज बरामद
डीआईजी ने शनिवार को मामले की केस डायरी कनाड़िया थाने से लसूड़िया टीआई राजेंद्र सोनी को ट्रांसफर कर दी। इसके बाद देर रात पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को लेकर स्कूल पहुंची और स्कूल की ट्रांसपोर्ट शाखा में छापा मारा। आरोपियों ने पूछताछ में बताया सुविधा ऑटो गैस के पास स्पीड गवर्नर बनाने वाली तीन-चार कंपनियों की डीलरशिप है। दुर्घटनाग्रस्त बस में उसने रोजमार्टा कंपनी के स्पीड गवर्नर का फर्जी प्रमाण पत्र जारी किया था। 

1000 में फर्जी स्पीड गवर्नर, 1800 में फिटनेस प्रमाण पत्र 
टीम ने देर रात निपानिया स्थित डीपीएस, तीन इमली स्थित सुविधा ऑटो गैस इंडिया के दफ्तर और गीता भवन स्थित एक अन्य स्पीड गवर्नर कंपनी के ऑफिस में छापा मारा। आरोपियों ने बताया कि एक हजार रुपए में वे बसों में स्पीड गवर्नर का प्रमाण-पत्र जारी कर देते थे, जबकि 1800 रुपए लेकर फिटनेस प्रमाणपत्र दे देते थे।

इनकी लापरवाही पड़ी भारी
पुलिस के मुताबिक हादसे में स्कूल का ट्रांसपोर्ट मैनेजर और स्पीड गवर्नर का प्रमाण-पत्र जारी करने वाली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी आरोपी पाए गए हैं। रिपोर्ट के बाद पुलिस ने ट्रांसपोर्ट मैनेजर चैतन्य कुमावत, स्पीड गवर्नर लगाने वाली सुविधा ऑटो गैस के संचालक नीरज अग्निहोत्री व कर्मचारी जलज मेश्राम को गिरफ्तार कर लिया।

तीन बच्चे और एक क्लीनर अभी भी वेंटिलेटर पर
डीपीएस स्कूल बस हादसे में घायलों में तीन बच्चे और एक क्लीनर अब भी वेंटिलेटर पर हैं। दो बच्चियों की हालत ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अरीवा कुरैशी, बहन इशिका, खुशी चावला, शिवांग चावला, भूमि बजाज, पार्थ बसानी, दैविक वाधवानी, सोमिल आहूजा और बस कंडक्टर बलराम सिंह गंभीर घायल हैं। सभी का बॉम्बे हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट दिलीपसिंह चौहान ने बताया खुशी, शिवांग, अरीवा और बलराम वेंटिलेटर पर हैं। बलराम कोमा जैसी स्थिति में है। सोमिल के दोनों पैर फ्रैक्चर हैं। दिन में उसका ऑपरेशन हुआ है। भूमि व इशिका की तबीयत में सुधार होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

अब स्कूल बसों की अधिकतम सीमा 40 किमी/घंटा
बस हादसे के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थाओं के वाहनों की अधिकतम गति सीमा 60 से घटाकर 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित कर दी है। लापरवाही के लिए स्कूल प्रबंधन और स्पीड गवर्नर कंपनी पर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए हैं।

यात्री व स्कूल बसों में सीसीटीवी अनिवार्य
ग्वालियर। परिवहन विभाग ने एक जनवरी से प्रदेश में यात्री व स्कूल बस में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस सिस्टम लगाना अनिवार्य कर दिया है। आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के सभी आरटीओ को आदेश दिया है कि इसका पालन नहीं करने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। महीने के आखिरी में कार्रवाई का प्रतिवेदन मुख्यालय भेजें।

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