फिल्म पद्मावती विवाद: अकेले पड़े राजपूत, रिलीज की तैयारी | BOLLYWOOD NEWS

Bhopal Samachar
नई दिल्ली. फिल्म पद्मावती विवाद में राजपूत करणी सेना के विरोध के बाद गुजरात चुनाव के दौरान उसे भाजपा का बड़ा समर्थन हासिल हो गया था परंतु चुनाव सम्पन्न होते ही भाजपा ने इस मुद्दे को भुला दिया है। अब राजपूत अकेले पड़ गए हैं। इधर कुछ छोटे मोटे 5 बदलावों के बाद फिल्म पद्मावती को रिलीज करने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि 25 जनवरी को यह फिल्म रिलीज कर दी जाएगी। बता दें कि इस मामले में बॉलीवुड इंडस्ट्री पूरी तरह से संजय लीला भंसाली के साथ थी। 

यह भी माना जा रहा है कि फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं की जाएगी क्योंकि वहां 29 जनवरी को नगरीय निकाय चुनावों की वोटिंग है। राजपूत नेताओं और दूसरे संगठनों के विरोध को देखते हुए इसका पर्दे पर उतरना आसान नहीं है। फिल्म में किए गए पांच बदलाव वही हैं, जो 28 दिसंबर को बुलाई गई एक्सपर्ट्स की रिव्यू कमेटी ने लिए थे। कमेटी में शामिल मेवाड़ पूर्व राजघराने के अरविंद सिंह ने उसी वक्त आपत्ति जता दी थी कि फिल्म को रिलीज नहीं किया जाए। इनका आरोप था कि सेंसर बोर्ड ने नाम बदलने सहित अन्य बदलाव कर इसे खुद ही रिलीज करने का फैसला ले लिया।

ये 5 बदलाव किए गए
नाम पद्मावत होगा।
कैरेक्टर की गरिमा के मुताबिक, घूमर डांस में सुधार होगा।
डिस्क्लेमर देना होगा कि यह सती प्रथा काे महिमामंडित नहीं करती।
फिल्म काल्पनिक होने का डिस्क्लेमर भी देना होगा।
ऐतिहासिक स्थलों के गलत भ्रामक संदर्भों में बदलाव किया जाएगा।

राजस्थान में फिल्म रिलीज नहीं होने के 3 कारण
फिल्म की रिलीज को लेकर राजपूत समाज में बेहद नाराजगी है। विरोध में पहले भी आंदोलन हो चुके हैं।
प्रदेश में 29 जनवरी को उपचुनाव भी हैं। ऐसे में सरकार कोई नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी। इसलिए फिल्म के रिलीज होने की उम्मीद नहीं है।

श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कालवी बोले- फिल्म रिलीज हुई तो कई राज्यों में कर्फ्यू लगेगा। राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह ने कहा-इसे किसी भी हालत में रिलीज नहीं होने देंगे।

सरकार लिख चुकी हैं लेटर
सीएम वसुधंरा राजे ने 18 नवंबर को आईबी मिनिस्टर स्मृति ईरानी को लेटर लिखा था। इसमें कहा था कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना पहली जरूरत है। सुझाव दिया था कि फिल्म की समीक्षा कर तय करें कि राजपूतों की भावना आहत न हो। होम मिनिस्ट्री का कहना है कि अब रिलीज की तारीख आ गई है तो सिनेमेटोग्राफी एक्ट की धाराओं के तहत राज्य सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी। बैन के लिए ऑफिशियल ऑर्डर भी जारी किए जा सकते हैं।
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