कंबल खरीदी कांड में 7 साल बाद योगीराज शर्मा के खिलाफ FIR | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के ब्रांड एम्बेसडर एवं स्वास्थ्य सेवाएं एवं परिवार कल्याण के पूर्व संचालक डॉ. योगीराज शर्मा जिनके यहां मिली नगदी को गिनने के लिए आयकर विभाग को नोट गिनने वाली मशीनें लगानी पड़ीं थीं, के खिलाफ लोकायुक्त ने सात साल चली लंबी जांच के बाद एफआईआर दर्ज की है। एक करोड़ नौ लाख रुपए की अनियमितता गौज (बैंडेज), कंबल और बेडशीट खरीदी में की गई थी। विभाग के अन्य अफसरों पर भी गाज गिर सकती है। 

डीएसपी लोकायुक्त साधना सिंह के मुताबिक वर्ष 2005-06 में हुई इस गड़बड़ी की शिकायत वर्ष 2007 में लोकायुक्त से हुई थी। शिकायत में दो डॉक्टरों की जांच कमेटी की रिपोर्ट का भी हवाला था। रिपोर्ट में डॉक्टरों ने पाया था कि अस्पताल और मरीजों के लिए खरीदी गई सामग्री दोयम दर्जे की है। 

जांच के दौरान लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन स्वास्थ्य आयुक्त से टेंडर और भुगतान से संबंधित जानकारी मांगी, जो अभी तक नहीं मिली है। फिलहाल एफआईआर के लिए डॉक्टरों की कमेटी की जांच रिपोर्ट व पड़ताल में सामने आए अन्य तथ्यों को आधार बनाया गया है। इस आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने डॉ. शर्मा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोपी बनाया है। 
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