PATWARI EXAM: 5 हजार रुपए प्रति उम्मीदवार पेनाल्टी लगेगी | mp news

भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PROFESSIONAL EXAMINATION BOARD) द्वारा आयोजित पटवारी परीक्षा के पहले दिन हजारों उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे पाए। PEB का कहना है कि यह संख्या करीब 8000 है। इस दिन उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन नहीं हो पाया था। यह समस्या तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुई जो मानवीय भूल से उत्पन्न हुई थी। परीक्षा का आयोजन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TATA CONSULTANCY SERVICES) की ओर से किया जा रहा है। टेंडर की शर्तों के अनुसार तकनीकी खराबी या लापरवाही के कारण परीक्षा ना हो पाने पर 5 हजार रुपए प्रति छात्र पेनाल्टी वसूली जाएगी। 8 हजार छात्रों के मान से यह रकम करीब 4 करोड़ रुपए होती है। सवाल यह है कि पेना​ल्टी की रकम परेशान हुए छात्रों को कब और कैसे वितरित की जाएगी। 

यूएसटी ग्लोबल से छीनकर टीसीएस को काम दिया था
ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए 3 आईटी कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया था। इनमें टीसीएस, यूएसटी ग्लोबल और वायम टेक शामिल थीं। फाइनेंशियल बीड में प्रति परीक्षार्थी के हिसाब से टीसीएस ने 299 रुपए, यूएसटी ग्लोबल ने 207 रुपए और वायम टेक ने 360 रुपए कोट किया था। पीईबी ने सबसे कम कोट करने वाली यूएसटी ग्लोबल को 207 रुपए प्रति परीक्षार्थी के हिसाब से ऑनलाइन परीक्षा करने चयनित किया। बाद में तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर यह काम टीसीएस को 207 रुपए की दर पर दिया गया था। पीईबी डायरेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर और परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। 

ऐसे हैं पेनाल्टी के प्रावधान
निर्धारित मानकों के अनुरूप पर्यवेक्षक नहीं हो तो 5 हजार रु. प्रति पर्यवेक्षक पेनाल्टी।
तकनीकी खराबी या लापरवाही के कारण परीक्षा न हो पाने पर 5 हजार रु. प्रति परीक्षार्थी पेनाल्टी।
परीक्षा केंद्र पर तकनीकी खराबी या लापरवाही के कारण परीक्षा में 1 घंटे से ज्यादा की देर होने पर प्रति केंद्र 5 लाख रु. पेनाल्टी।
परीक्षार्थी का कंप्यूटर खराब होने या अनुपलब्ध होने पर 5 हजार रु. प्रति कंप्यूटर पेनाल्टी।
तकनीकी खराबी या लापरवाही के कारण पूरी परीक्षा नहीं होने पर 1 करोड़ रु. की पेनाल्टी का प्रवधान है।

शौचालय, पानी तक नहीं है केंद्रों में
परीक्षा में शामिल होंगे 12 लाख उम्मीदवार। इस वजह से एक हॉल में 30 से ज्यादा परीक्षार्थी नहीं बैठाने वाले नियम का पालन नहीं हो रहा। 
कुछ परीक्षा केंद्रों में पार्किंग, शौचालय, पानी और हाइट एडजस्टेबल कुर्सियों की मौजूदगी पर्याप्त नहीं थी। ऑनलाइन मॉक टेस्ट की व्यवस्था मौके पर नहीं की गई। 

परीक्षा केंद्रों पर इन व्यवस्थाओं का होना जरूरी
भी परीक्षा केंद्रों में कम से कम 100 सीट अनिवार्य होगी।
एक परीक्षा हॉल में 200 से ज्यादा सीटें नहीं होना चाहिए।
प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए परीक्षा हॉल में कम से कम 20 वर्गफीट की जगह होनी चाहिए। अर्थात 20x30 के हॉल में 30 से ज्यादा परीक्षार्थी नहीं बैठाए जा सकते हैं।
परीक्षा केंद्र नगर निगम/ नगर पालिका की सीमा से 5 किलोमीटर के भीतर होना चाहिए। {परीक्षार्थियों की पहचान एवं दस्तावेजों के सत्यापन के लिए प्रत्येक 50 परीक्षार्थियों के बीच एक सत्यापन (आइडेंटिटी वेरिफिकेशन) काउंटर लगाया जाना चाहिए।

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