
भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाए
शून्यकाल में इनेलो के राम कुमार कश्यप ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरदार भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया और आज भारत को आजाद हुए करीब 70 साल हो रहे हैं। लेकिन अब तक सरदार भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के लिए विद्रोह भड़क न जाए, यह सोच कर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने भगत सिंह को रातों रात फांसी दे कर उनके शव का अंतिम संस्कार कर दिया, उनका शव परिजनों तक को नहीं दिया गया।
पाकिस्तान दे चुका है शहीद का दर्जा
एक अखबार में खबर आई थी कि पाकिस्तान ने भगत सिंह को शहीद का दर्जा दे दिया है। ‘‘हमारे लिए यह शर्म की बात है कि अब तक हमने भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया है। न सिर्फ, भगत सिंह को बल्कि उनके साथ हंसते हंसते फांसी के फंदे पर झूल जाने वाले सुखदेव और राजगुरू को भी शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए।’’ सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस बारे में कानून मंत्री संस्कृति मंत्री से विचार कर सदन को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी और देश भक्तों को लेकर कोई गलत संदेश नहीं जाना चाहिए।
कांग्रेस ने क्यों नहीं दिया था
सभी जानते हैं कि भगत सिंह की क्रांति से महात्मा गांधी सहमत नहीं थे। तमाम अपीलों के बावजूद उन्होंने भगत सिंह के प्रति नरम रुख नहीं रखा। महात्मा गांधी के विचार ही कांग्रेस के सिद्धांत हैं, अत: कांग्रेस ने अपने शासनकाल में कभी भी भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया। सत्ता में आने से पहले तक भाजपा इस मुद्दे को उठाती रही है परंतु सत्ता में आने के बाद वो भी कांग्रेस सरकार जैसा मौन साधे हुए है।