
पत्रकार विकास तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने प्रदेश के झाबुआ जिले में 13, अलीराजपुर में 5 तथा देवास में कड़क नाथ मुर्गा पालन करने वाली समिति को पंजीकृत किया है। इसके अलावा इंदौर तथा देवास जिले में पांच-पांच समितियों का पंजीयन किया जा रहा है। इसमें ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की समितियों को पंजीकृत किया जा रहा है। ताकि उन्हें घर पर ही रह कर मुर्गा पालन के कार्य से अच्छी आमदनी हो सके। पशुपालन विभाग के सहयोग से कड़कनाथ मुर्गा के पोषक, औषधीय तत्वों की जानकारी के पंपलेट तैयार किए जाएंगे।
मनरेगा, आत्मा परियोजना से फाइनेंस
कड़कनाथ मुर्गा पालन हेतु समितियों की जरुरत के मुताबिक शेडों के निर्माण हेतु जिला पंचायत से संपर्क कर मनरेगा और आत्मा परियोजना से वित्त की व्यवस्था करवाई जाएगी। झाबुआ, देवास, अलीराजपुर के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंको और झाबुआ तथा देवास के उपसंचालक पशुपालन की टीम बनाकर एक मॉडल ऋण नीति तैयार की जाएगी।
समितियों को मार्गदर्शन देंगे विशेषज्ञ
कड़कनाथ मुर्गा पालन समितियों को मार्गदर्शन देने के लिए सहकारी निरीक्षक और पशुपालन विभाग के वीईओ की संयुक्त टीम बनाई गई है। ये समितियों के सदस्यों से चर्चा कर कड़कनाथ मुर्गा पालन में आने वाली समस्याओं का समाधान करेंगे और मुर्गो के वैक्सीनेशन के लिए उन्हें मार्गदर्शन देंगे। इसमें उप संचालक पशुपालन भी सहयोग करेंगे।