
सूत्रों के मुताबिक एक-दो दिन में इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो सकता है। हालांकि यह तथ्य सामने नहीं आया है कि सेस कितना बढ़ेगा। मालूम हो कि दो महीने पहले ही केंद्र सरकार के निर्देश के बाद मप्र ने पेट्रोल से तीन और डीजल से पांच प्रतिशत वैट घटाया था। उस समय पेट्रोल-डीजल के मूल्यों को लेकर मध्यप्रदेश की जनता में भाजपा के खिलाफ काफी आक्रोश दिखाई दे रहा था।
बताया जा रहा है कि शिवराज सिंह सरकार ने मप्र का खजाना पूरी तरह से खाली कर दिया है। प्रदेश पर डेढ़ लाख करोड़ का कर्ज है। जीएसटी आने के बाद केंद्र से मप्र को उसके हिस्से का पैसा नहीं मिला है। दरअसल, केंद्र सरकार का राजस्व संग्रहण लगातार पिछड़ रहा है, इसका नुकसान मप्र सहित अन्य राज्यों को भी हो रहा है। इसीलिए राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से राजस्व बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके तहत ही पिछले दिनों गुपचुप तरीके से रजिस्ट्री पर शहरी प्रभार शुल्क एक प्रतिशत बढ़ा दिया गया।