
पहाड़गंज क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने मंडोर पुलिस थाने में एक मामला दर्ज करवा कर कहा कि उसकी शादी बारह बरस पूर्व हुई थी। इस शादी से उसके दो बच्चे है। कुछ माह पूर्व शहर में उसकी दोस्ती एक व्यक्ति के साथ हुई। यह आदमी हमेशा उसके घर आता-जाता रहता था। इस दौरान उसके दोस्त ने उसकी पत्नी के साथ संबंध कायम कर लिए। अब पत्नी उसे छोड़ कर अलग मकान लेकर दोस्त के साथ रहती है।
यह किया पुलिस ने
थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा का कहना है कि इस धारा के तहत यह मामला असंज्ञेय है। हम आरोपी व्यक्ति के शिकायतकर्ता की पत्नी के साथ संबंध बनाए जाने की पुष्टि नहीं कर सकते। ऐसे में हमने मामला कोर्ट को सौंप दिया है. अब कोर्ट ही इस मामले का निस्तारण करेगा।
अडल्ट्री कानून पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट
हाल ही एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि सिर्फ पुरुष को ही दोषी मानने वाला अडल्ट्री कानून बहुत अधिक पुराना होने के कारण अप्रासंगिक तो नहीं हो चुका है? कहीं पुराना तो नहीं हो चुका है? अडल्ट्री में महिला व पुरुष दोनों बराबरी के दोषी होते है।
क्या है अडल्ट्री कानून
वर्ष 1860 में अडल्ट्री पर बनाए गए कानून के अनुसार आईपीसी की धारा 497 के तहत यदि कोई पुरुष किसी महिला से ये जानते हुए शारीरिक संबंध बनाए कि वो शादीशुदा है। और इस मामले में महिला के पति की सहमति नहीं है। ये संबंध सिर्फ महिला की रजामंदी से बनाया गया है। ऐसे में पुरुष अडल्ट्री कानून के तहत दोषी है। इसके तहत उसे पांच साल की सजा और जुर्माना हो सकते है।