
शिक्षक संघ ने कहा की अध्यापक संवर्ग का तत्काल शिक्षा विभाग में संविलियन किया जावे।
एक ही पद पर 30/35 वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों को अपग्रेड किया जावे।
गैर शिक्षकीय कार्य से शिक्षकों को दूर रखा जावे।
अध्यापक संवर्ग मे आये गुरुजीयों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जावे।
पदोन्नति का मामला कोर्ट में लंबित होने तक शिक्षकों को प्रभारी पद देकर पदस्थ किया जावे।
जनजातीय विभाग में स्कूली शिक्षा विभाग के समान व्याख्यताओ को समयमान वेतनमान सहायक शिक्षकों को तृतीय क्रर्मोनंत वेतनमान के आदेश जारी करे।
एजुकेशन पोर्टल के अपडेट नहीं हो से पचास प्रतिशत शालाओं मे शिक्षक पदस्थ होने के बाद भी रिक्त दर्शाया गया है।
आनलाईन युक्तियुक्तकरण मे रिक्त स्थान की बजाय पर्याप्त शिक्षकों वाले स्थान पर पदस्थापना की जा रही हैं।
स्वंय के व्यय पर डीएड बीएड करने वाले शिक्षकों अध्यापकों को दो वेतनवृद्धी का लाभ दिया जावे।
अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को चौबीस वर्ष की क्रमोन्नति का लाभ दिया जावे। लंछीराम इंगले अध्यक्ष मध्यप्रदेश शिक्षक संघ और महामंत्री क्षत्रवीरसिंह राठौर के हवाले से जारी इस पत्र में सरकार को 30 दिसंबर तक निराकरण सुनिश्चित करने की कहा गया है ताकि संघ को उग्र आंदोलन का कठोर निर्णय नहीं लेना पड़े।
मप्र शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल आज शाम मुख्यमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी श्रीवास्तव जी,जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव एस एन मिश्रा जी से मंत्रालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल में abrsm के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री हिम्मतसिंह जैन,प्रांताध्यक्ष लच्छीराम जी इंगले, महामंत्री क्षत्रवीरसिंह राठौर,प्रांतीय सचिव अखिलेश मेहता, कुसुम शर्मा,के के गौर,दीनदयाल भारती भोपाल शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने अध्यापको के संविलियन,सहायक शिक्षक को पदनाम अपग्रेड करने,जनजातीय कार्य विभाग में व्याख्याताओ, शिक्षक, सहायक शिक्षक को तृतीय क्रमोन्नत वेतनमान देने,युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के सम्बन्ध में,मान्यताप्राप्त संघो को युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के स्थानांतरण निरस्त करने जैसी अनेक माँगो के निराकरण की मांग की।