
बता दें कि आंदोलन के दौरान कई शिक्षाकर्मी नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। करीब 50 कर्मचारी नेताओं को बर्खास्त कर दिया गया था एवं सैंकड़ों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए गए थे। बावजूद इसके शिक्षाकर्मी हड़ताल पर डटे हुए थे। इसी के चलते कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया था।
गौरतलब है कि इससे पहले जब शिक्षाकर्मियों का आंदोलन खत्म हुआ था, तब शिक्षाकर्मियों की तीन मांगों पर विचार के लिए मुख्य सचिव विवेक ढांड की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई थी। कमेटी तीन महीने में अपनी रपट सौंपेगी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने कमेटी बनाने का आदेश भी जारी किया था। अफसरों के अनुसार कमेटी से मिलने वाली अनुशंसा के आधार पर सरकार फैसला करेगी।