
उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से विभाग में पारदर्शिता आएगी। बायोमीट्रिक मशीनों का खर्च भी बचेगा। इससे स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर अंकुश लगेगा। शिक्षकों की लोकेशन की जानकारी होने से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में उनकी लोकेशन भी अपडेट रहेगी।
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शिक्षक की लोकेशन भी बताएगा एप
उज्ज्वल एप-प्रभारी उप शिक्षा अधिकारी ब्रजपाल सिंह राठौर ने बताया कि यह पूरा सिस्टम जीपीआरएस से लैस है। शिक्षा विभाग के करीब 70 हजार शिक्षक, कर्मचारी और अफसरों की लॉगिन आईडी तैयार कर ली गई है। शिक्षकों को अपने मोबाइल पर इस ऐप को डाउनलोड करना होगा। जैसे ही वह स्कूल पहुंचेगा, उसे अपनी लॉगिन आईडी खोलना होगा। ऐसा करते ही रियल टाइम सेल्फी का फंक्शन खुल जाएगा। फोन से सेल्फी खिंचकर मुख्य सर्वर में पहुंच जाएगी।
इस फोटो के साथ शिक्षक की लोकेशन का भी ब्योरा होगा। जीपीआरएस से जुड़ा होने की वजह से एक निश्चित अंतराल पर शिक्षक की लोकेशन की जांच करता रहेगा। राठौर ने बताया कि एप से खींची गई सेल्फी फोन की गैलरी में भी सेव नहीं होगी। वो सीधा मुख्य सर्वर में चली जाएगी।
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