भोपाल। भोपाल गैंगरेप मामले में अंतत: शिवराज सिंह सरकार को बड़ी कार्रवाई करनी ही पड़ी। मीडिया को हंस-हंसकर गैंगरेप की डीटेल्स शेयर करने वाली रेलवे एसपी अनिता मालवीय एवं आईजी योगेश चौधरी को हटा दिया गया हे। बता दें कि अनित मालवीय की बेशर्मी की खबर दैनिक भास्कर ने ब्रेक की थी एवं भोपाल समाचार ने उसे लिफ्ट कराया। इसके बाद यह मामला सोशल मीडिया में छा गया और फिर नेशनल मीडिया तक पहुंचा। भोपाल समाचार की खबर जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
गौरतलब है कि राजधानी में हुए गैंगरेप के बाद एसपी रेल अनिता मालवीय के असंवेदनशील और गैरजिम्मेदाराना बयान की सोशल मीडिया में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। गैंगरेप के सवालों का हंसते हुए जवाब देने के कारण अनिता मालवीय शनिवार को दिनभर सोशल मीडिया पर ट्रोल हुईं। सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेताओं ने भी अनिता मालवीय पर जमकर निशाना साधा था।
भाजपा नेता भी नाराज थे
मप्र खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष डॉ. हितेश वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा कि अक्षम, असंवदेनशील व आपराधिक-लापरवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों को सेवाओं के लिए अयोग्य मानते हुए सेवा से पृथक करने की व्यवस्था होना चाहिए। वहीं भाजपा के प्रोफेशनल प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विकास बोंदरिया ने फेसबुक पर शेम अनिता मालवीय हैशटैग से अभियान चलाया। उन्होंने लिखा कि प्रशासन में संवेदनशीलता अपेक्षित है। कामकाज से भी और हाव-भाव से भी। कामकाज की प्रतिकूलता में अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, लेकिन प्रतिकूल हाव-भाव की निंदा तो होनी चाहिए। सामाजिक निंदा का डर भी व्यक्ति को समाज के अनुकूल बनाए रखता है।