भारत की नई शिक्षा नीति बना रहे हैं इसरो के वैज्ञानिक, दिसम्बर में लागू होगी | NEW EDUCATION POLICY

नई दिल्ली। भारत की नई शिक्षा नीति तैयार की जा रही है। इसमें खास बात यह है कि इंडिया की न्यू एजुकेशन पॉलिसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएसआरओ) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली 9 सदस्यीय समिति तैयार कर रही है। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान गांधीनगर में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पहला मसौदा दिसंबर के अंत तक आ जाएगा। 

जावड़ेकर ने कहा कि नए मसौदे पर संसद में चर्चा के बाद इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह तय है कि नई शिक्षा नीति देश के लिए अगले 20 साल तक मुफीद रहेगी और यह पहले से ज्यादा आधुनिक व शोध केंद्रित होगी व बेहतर नागरिक बनाएगी। मंत्री ने कहा कि समिति के गठन से पहले विधायकों, छात्रों, माता-पिता व अन्य हितधारकों से करीब ढाई साल तक सुझाव मांगे गए।

53 ई-बस्ता तैयार, जल्द ही पेपरलेस हो जाएंगे सारे क्लासरूम
नई दिल्ली। स्कूली छात्रों पर बस्ते का बोझ कम करने के लिए सरकार ‘ई-बस्ता’ कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। इसके जरिये छात्र अपनी रुचि और पसंद के मुताबिक पाठ्यसामग्री डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही स्कूलों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड भी लगाया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक अधिकारी ने बताया कि स्कूली बच्चों पर बस्ते के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। इसे लेकर छात्रों, शिक्षकों ने इसमें काफी रुचि दिखाई है। 

एनसीईआरटी के आंकड़ों के अनुसार, ‘ई-बस्ता’ के संदर्भ में अब तक 2350 ई सामग्री तैयार की जा चुकी है। इसके साथ ही 53 तरह के ई-बस्ते तैयार किए गए हैं। अब तक 3294 ‘ई-बस्ता’ को डाउनलोड किया जा चुका है। इसके अलावा 43801 ई-सामग्री डाउनलोड की जा चुकी है।

मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने ई-बस्ता के संबंध में एक एप भी तैयार किया है जिसके जरिये छात्र टैबलेट, एंड्रॉयड फोन आदि के माध्यम से सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं। स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को आगे बढ़ाने की इस पहल के तहत मंत्रलय ने कुछ समय पहले 25 केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा आठ के सभी बच्चों को टैबलेट दिए जाने की एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी।

एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने बताया कि पहली कक्षा से 12वीं कक्षा तक की पुस्तकों के संदर्भ में ई-सामग्री तैयार की जा रही है। इनके बारे में विषयवस्तु समझाने के लिए दृश्य श्रव्य सामग्री (ऑडियो एवं वीडियो) का विकास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसका काम अभी पूरा नहीं हुआ है और उम्मीद है कि एक साल में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!