
सबसे पहली खबर किले पर आत्महत्या की आई। फिर संदेह जताया गया कि यह फिल्म पद्मावती के विरोध में राजपूत करणी सेना का काम है लेकिन जैसे जैसे आसपास की चट्टानों को देखा गया तो मामला पेचीदा होता चला गया।
हम सिर्फ पुतले नहीं लटकाते
मीडिया ने भी उस बात को हाईलाइट किया जिसमें किले की एक चट्टान पर लिखा पाया गया कि, "हम सिर्फ पुतले नहीं लटकाते पद्मावती" इस लिखावट से पहले यह संदेश आया था कि चेतन ने सुसाइड की है, इस संदेश के बाद लगा करणी सेना के किसी सदस्य की करतूत है लेकिन किले की चट्टान पर लिखी ये बात अधूरी थी। इसके अलावा 10 और भी चट्टानों पर इसी तरह की बातें लिखी पाई गईं।
श्रीराजपूत करणी सेना को धमकी
एक चट्टान पर पद्मावती फिल्म का विरोध पर रहे लोगों पर तंज कसते हुए लिखा है कि, "पद्मावती का विरोध करने वालो, हम किले से सिर्फ पुतले नहीं लटकाते" ये साफ-साफ उन लोगों पर तंज था जो फिल्म के विरोध में पुतले जला रहे हैं, खासकर श्री राजपूत करणी सेना।
चेतन तांत्रिक क्यों लिखा
"दो जगहों पर चेतन तांत्रिक लिखा हुआ है। एक जगह पर तांत्रिक तो एक जगह पर चेतन तांत्रिक मारा गया"। बता दें कि रावल रतन सिंह के दरबार में राघव चेतन नाम का एक तांत्रिक था। जिसे कविताओं का भी शौक था। एक दिन रावल रतन सिंह ने उसे राज्य से बाहर निकाल दिया गया। जिसके बाद तांत्रिक चेतन अल्लाउद्दीन खिलजी के पास पहुंचा। उसने खिलजी के सामने पद्मावती की सुंदरता का विवरण करती ऐसी कविता सुनाई कि खिलजी ने पद्मावती को पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण किया। किवदंतियों में चेतन तांत्रिक का जिक्र काफी कम आता है।
बात पद्मावती की थी तो यह साम्प्रदायिक संदेश क्यों
पर रुकिए। बात यहीं खत्म नहीं होती। एक अन्य चट्टान पर इस हत्या को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है। जिसमें लिखी बातों से ऐसा लगे कि ये बातें किसी मुसलमान ने लिखी हैं। चट्टान पर लिखा है कि, "हर काफिर का यही हाल होगा। जो काफिर को मारेगा, अल्लाह को प्यारा होगा।" "हम पुतले नहीं लटकाते/अल्लाह के बंदे।"
हत्यारों की मुख्य भाषा उर्दू है
इसके अलावा चट्टानों पर तीन ऐसे मैसेज लिखे हैं जिनमें काफिर शब्द आता है। दो में अल्लाह लिखा हुआ है लेकिन इनमें ह अक्षर गायब है। सारे मैसेज पर पढ़कर यही नतीजा निकलता है कि ये आत्महत्या का नहीं बल्कि हत्या का मामला है, हत्या के पीछे भी एक सोची समझी साजिश थी ताकि मुद्दे को हिंदू बनाम मुसलमान बनाया जा सके और फसाद कराया जा सके।