
आरबीआई के अधिकारियों ने बताया, 'केंद्रीय बैंक पहले भी इस संबंध में भ्रम दूर कर चुका है। मेले के दौरान लोग हमसे 500 और 2000 रुपये के नए नोटों पर कुछ लिखा होने की स्थिति में उनकी वैधता पर सवाल कर रहे हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि नोट पर कुछ लिखा होने या रंग लग जाने की स्थिति में भी वह वैध है। बैंक उन्हें लेने से इनकार नहीं कर सकते हैं।'
साथ ही उन्होंने कहा, हालांकि, ग्राहक ऐसे नोटों को बैंक से बदलवा नहीं सकते हैं, लेकिन ऐसे नोट वह अपने व्यक्तिगत खातों में जमा करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आरबीआई स्वच्छ नोटों की नीति का अनुसरण करता है। नए नोटों को लेकर अभी रिफंड नीति नहीं आई है इसलिए जिन नोटों पर कुछ लिखा है उन्हें बदलवाया नहीं जा सकता है पर खाते में जमा किया जा सकता है। आरबीआई ने ऐसे नोटों का लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है।
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा हम मेला देखने आने वाले लोगों को नए नोटों के फीचर के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं ताकि वह जाली नोटों की पहचान कर सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने पैमफ्लैट्स प्रकाशित कराए हैं। इन पर नोटों के बारे में विस्तृत जानकारी मुद्रित है जिनका अध्ययन करके लोग नोट की सही तरीके से पहचान कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि 500, 2000 और 200 रुपये के नोटों पर 17 फीचर हैं जबकि 50 रुपये के नए नोट पर 14 फीचर हैं।
उन्होंने कहा कि लोग हमारे पास शिकायतें ले कर आ रहे हैं कि दुकानदार 10 रुपये के सिक्के नहीं ले रहे हैं। हमने ऐसी शिकायतें लेकर आ रहे लोगों को स्पष्ट कर दिया है कि 10 रुपये के सभी सिक्के मान्य है। हमने इस संबंध में अधिसूचना को मेले में लगाया हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम मेले में डिजिटल लेन-देन के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।