
इसके साथ ही प्रकाश राज ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, यदि नैतिकता के नाम पर मेरे देश की सड़कों पर युवा जोड़ों को मारना आतंकित करना नहीं है। अगर कानून को हाथों में लेना और गाय को मारने के थोड़े से संदेह पर लोगों को मारना आतंकित करना नहीं हैं। यदि असंतोष की छोटी आवाज को चुप करने के लिए दुर्व्यवहार करना और धमकी देना आतंकित करना नहीं है, तो आतंकित करना क्या है, बस पूछ रहा हूं।
प्रकाश राज का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कमल ने एक तमिल पत्रिका में लिखा था कि इससे पहले दक्षिणपंथी हिंदू तर्क करते थे, हिंसा में शामिल नहीं होते थे लेकिन जब उनकी 'चालाकी' विफल होने लगी तो वे अब हिंसा का सहारा ले रहे हैं। कमल हासन ने कहा, "चरमवाद उनके खेमे में भी फैल गया है। यह चरमवाद खुद को हिंदू कहलाने वालों की जीत या प्रगति नहीं है।