झुग्गी झोपड़ी की दलित बेटी पूजा IAS बनी

विनोद एम. नागवंशी। कहते हैं प्रतिभा को कोई भी रोक नहीं सकता है ना ही कोई इसे परिस्थियों में बाँध सकता है। यदि इरादे नेक हों तो हर सपने को साकार किया जा सकता है। लगन और कड़ी मेहनत से नामुमकिन भी मुमकिन है, इस बात का सीधा उदाहरण है श्रीगंगानगर रेलवे पटरियों के पास बनी झुग्गी झोपड़ी में रहकर स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ने वाली बेहद गरीब दलित परिवार की बेटी पूजा नायक का। पूजा नायक ने आईएएस बनकर पूरे देश में अपने लगन और मेहनत का लोहा मनवाया है। श्रीगंगानगर रेलवे पटरियों के पास बनी एक अनजान झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली पूजा नायक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों और देश के लाखों गरीब बच्चों के लिए प्ररेणादायक है।

स्ट्रीट लाइट की रोशनी में की है पढ़ाई 
एक गरीब परिवार की लड़की जिसका बचपन में ही सिर से पिता का साया उठ गया हो मां ने मजदूरी करते हुए इस बेटी को पढ़ाया है। गरीब दलित परिवार की इस बेटी के आईएएस बनने का समाचार सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। आपको बता दें पूजा जब मात्र 4 वर्ष की थी तब उनके पिता की मौत हो गयी थी। पूजा नायक बहुत ही गरीब पारिवारिक पृष्ठभूमि से आती हैं। उनके घर मे बिजली तक नहीं थी, तब उन्होंने किसी तरह पास के स्ट्रीट लाइट की रोशनी में ही अपनी पढ़ाई की है।

पूजा नायक की 2 बहने और 1 भाई है। पूजा की मां ने किसी तरह मजदूरी कर अपनी तीन बेटियों और एक बेटे का पालन पोषण किया और सभी को पढ़ाया है। पूजा नायक जी के इस ज़ज्बे,उनकी कड़ी मेहनत और लगन को bhopalsamachar.com और लेखक सलाम करता है। हमें पूर्ण विश्वास है कि आने वाले समय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों और देश के लाखों गरीब बच्चों के लिए पूजा नायक जी एक रौल माडल बनेगी।
विनोद एम. नागवंशी, इंजीनियर एवं युवा लेखक हैं।

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